कम पानी वाली फसलों से कर रहे जल संरक्षण
जागरण संवाददाता बदायूं जिले में जल संरक्षण मनरेगा के साथ ही कृषि विभाग भी प्रयासरत है। विभाग के अफसर किसानों को ऐसे बीजों का वितरण कर रहे हैं जिनसे कम पानी में फसल तैयार हो सके। निजी संस्थाओं के लिए भी किसानों को जल संरक्षण को प्रोत्साहित कर रहे हैं।
जागरण संवाददाता, बदायूं: जिले में जल संरक्षण मनरेगा के साथ ही कृषि विभाग भी प्रयासरत है। विभाग के अफसर किसानों को ऐसे बीजों का वितरण कर रहे हैं, जिनसे कम पानी में फसल तैयार हो सके। निजी संस्थाओं के लिए भी किसानों को जल संरक्षण को प्रोत्साहित कर रहे हैं।
जिले में भूजल का स्तर बढ़ाने को लघु सिचाई विभाग चेक डैम निर्माण की योजना बना रहा है। उद्यान विभाग ने स्प्रिंकलर विधि से सिचाई और मनरेगा में जल संरक्षित करने के लिए जिले में तालाबों की खोदाई करवा रहा है। कृषि विभाग जल संरक्षित फसलों के बांटे बीज
बीज लक्ष्य उपलब्धता वितरण
मक्का 196 150 50
सकर मक्का 1314 1345 1256
ज्वार 6 8 6
संकर ज्वार 8 20 15
बाजरा 351 100 60
संकर बाजरा 2135 2145 1060
उर्द 2927 2927 2896
मूंग 24 54 32
अरहर 139 155 35
तिल 51 53 30
मूंगफली 112 110 20
ढैंचा 200 780 780 मनरेगा जल संचयन के लिए तालाबों करा रहा खोदाई
कुल तालाब का लक्ष्य - 751
खोदोई हुए तालाबों की संख्या - 250
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किसानों से बात
फोटो: 21 बीडीएन: 21
किसानों को जल संरक्षण के लिए मेड़ बंदी, स्प्रिंकलर विधि की जानकारी देकर जागरूक कर रहे हैं। मेड़ बंदी से जल का संरक्षण के साथ पोषक तत्व की खेत से बाहर नहीं जाते हैं।
वीरेश तोमर, किसान
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फोटो: 21 बीडीएन: 22
जल संरक्षण को जरूरत भर पानी के उपयोग के बताने की कोशिश करते हैं। सिचाई के समय खेत पर रहे। पूरा खेत भरने पर नलकूप तुरंत बंद करें। नाली की जगह पाइप से सिंचाई में कम पानी खर्च होता है।
महेश, किसान
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वर्जन:
किसानों को ऐसी फसलों के बीज वितरित करने जा रहे है जिसमें कम पानी का इस्तेमाल हो। इसके साथ ही मनरेगा की ओर से तालाबों की खोदाई कराई जा रही है। लघु सिचाई विभाग और उद्यान विभाग भी जल संरक्षण के लिए कई योजनाए तैयार कर रहा है।
विनोद कुमार, जिला कृषि अधिकारी