स्वेटर तो छोड़ो करीब 15 फीसदी बच्चों को अभी यूनीफार्म तक नहीं मिली
यूनीफार्म के लिए सरकार से प्रति बच्चे 600 रुपये खर्च किए जाते हैं। कपड़े की बेहतर क्वालिटी के लिए पिछले दिनों डीएम ने जिले पर शिक्षकों की एक बैठक बुलाकर कपड़े में 67 प्रतिशत सूती का होना जरूरी बताया था। इसके बाद भी जिम्मेदारों ने ड्रेस वितरण में खेल शुरू कर दिया। सभी परिषदीय विद्यालयों में शत प्रतिशत यूनीफार्म वितरण नहीं हुआ है।
जागरण संवाददाता, बदायूं : यूनीफार्म के लिए सरकार से प्रति बच्चे 600 रुपये खर्च किए जाते हैं। कपड़े की बेहतर क्वालिटी के लिए पिछले दिनों डीएम ने जिले पर शिक्षकों की एक बैठक बुलाकर कपड़े में 67 प्रतिशत सूती का होना जरूरी बताया था। इसके बाद भी जिम्मेदारों ने ड्रेस वितरण में खेल शुरू कर दिया। सभी परिषदीय विद्यालयों में शत प्रतिशत यूनीफार्म वितरण नहीं हुआ है। जहां वितरण हुआ वहां अनियमितता की शिकायत आम हैं। कड़ाके की ठंड में सभी स्कूलों में बच्चों को स्वेटर व मोजे भी नहीं मिल सके हैं। डीएम की तमाम फटकार के बाद भी शिक्षा महकमा सुधरने का नाम नहीं ले रहा है। ऐसे में जिम्मेदारों की मंशा पर सवाल उठ रहे हैं।
संसू, म्याऊं : ब्लाक क्षेत्र के परिषदीय विद्यालयों में करीब 30 फीसदी बच्चों को यूनीफार्म नहीं मिल सकी है। कड़ाके की ठंड में अभी सभी बच्चों को स्वेटर भी नहीं मिले हैं। गांव हड़ौरा के प्राथमिक विद्यालय में 98 बच्चे पंजीकृत हैं, जबकि ड्रेस 119 की ही आई है और प्रधानाध्यापक रामचंद्र ने बताया की उन्होंने जो कपड़ा सिलाई को ब्लॉक स्तर पर समूह के सिलाई केंद्रों को दिया था वह कपड़ा ही बदलकर हेराफेरी की गई। बिना टैग लगा हुआ ही यूनीफार्म दिया है। वहीं, जूनियर हाईस्कूल का है प्रधानाध्यापक का आरोप है की ब्लॉक स्तर पर यूनीफार्म सिलवाने में बड़ा घपला किया गया है। उन्होंने जो कपड़ा दिया था उसको बदलकर दिया गया है। संसू, ककराला : नगर के परिषदीय विद्यालयों में शत प्रतिशत यूनीफार्म का वितरण नहीं हुआ है। स्वेटर वितरण भी नहीं किया गया है। बच्चे बिना स्वेटर, मोजे और जूते के ठिठुरते हुए स्कूल पहुंच रहे हैं। बच्चों ने इसकी पुष्टि की है। वर्जन ..
सभी परिषदीय विद्यालयों में शत प्रतिशत यूनीफार्म वितरण नहीं होने पर संबंधित अधिकारियों पर खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
- कुमार प्रशांत, डीएम