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घुमंतुओं के डेरों से असलहे बरामद, दो गिरफ्तार, एक फरार

डेरा लगाकर दातागंज इलाके में रह रहे घुमंतू शातिर चोर निकले।

By JagranEdited By: Published: Sat, 17 Nov 2018 06:05 AM (IST)Updated: Sat, 17 Nov 2018 06:05 AM (IST)
घुमंतुओं के डेरों से असलहे बरामद, दो गिरफ्तार, एक फरार
घुमंतुओं के डेरों से असलहे बरामद, दो गिरफ्तार, एक फरार

बदायूं : डेरा लगाकर दातागंज इलाके में रह रहे घुमंतू शातिर चोर निकले। पुलिस ने डेरे खंगाले तो वहां से तमंचा, कारतूस व चाकू बरामद हुआ है। दो आरोपितों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। जबकि एक फरार हो गया। आरोपितों का आ‌र्म्स एक्ट की धाराओं में चालान करके उन्हें जेल भेजा गया है। इन पर चोरी के मुकदमे हरियाणा में दर्ज हैं। अब इन डेरों पर पुलिस ने निगरानी बढ़ा दी है। ताकि कोई घटना को अंजाम न देने पाएं। साथ ही उन्हें जल्द से जल्द वहां से जाने का दबाव भी पुलिस बनाए हुए है।

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कोतवाली क्षेत्र के पलिया गूजर गांव में दो दिन पहले ग्रामीणों ने दो किशोरों को बंधक बनाया था। कई थानों की पुलिस और पीएसी ने पांच घंटे की मशक्कत के बाद भारी विरोध के बीच दोनों को बमुश्किल वहां से निकाला था। पड़ताल में पता लगा कि दोनों किशोर वकील व अशवर राजस्थान के जिले झुंझनू के थाना पचौरी इलाके के गांव काकड़ा के रहने वाले हैं। पूछताछ के आधार पर शुक्रवार को पुलिस ने इन डेरों पर छापामारी की तो वहां से ¨नबूराम उर्फ राम¨सह के डेरे से एक तमंचा व चार कारतूस मिले। वहीं उसके भाई पांडूराम के डेरे से चाकू मिला है। दोनों आरोपितों को पुलिस थाने ले आई और मुकदमा लिखा गया। इधर, गोगाराम नाम का शातिर फरार हो गया। इंसेट

किशोर भी गए जेल

- बंधक बनाए गए किशोर वकील पुत्र रंगडराम और अशवर पुत्र पांडूराम गांव पलिया के सत्यपाल की डेरी में दूध लेने के बहाने घुसकर रुपये चुराए थे। सत्यपाल की तहरीर पर इन दोनों के खिलाफ भी चोरी का मुकदमा कायम कर उन्हें किशोर सुधार गृह बरेली भेजा गया है। पुलिस ने बताया कि हरियाणा में ¨नबूराम के खिलाफ चोरी व चोरी के प्रयास के 19 मुकदमे दर्ज हैं। वहीं फरार गोगाराम पर भी 16 मुकदमे हैं। इंसेट

जंगल के रास्ते आता है गिरोह

- डेरे-तंबू वाला गिरोह एक जिले से दूसरे जिले या प्रांत में जाने के लिए सड़क का उपयोग नहीं करता, बल्कि यह लोग जंगल के रास्ते पहुंचते हैं। गांव-गांव जंगल-जंगल होते हुए अपने हिसाब से उपयुक्त जगह पर डेरा डालकर रहने लगते हैं। खासियत यह है कि जिस जगह गिरोह पड़ाव डालता है, वहां कोई आपराधिक घटना नहीं करता। बल्कि उस इलाके से लगभग 20 किलोमीटर दूरी पर आपराधिक वारदातों को अंजाम देकर छिप जाते हैं। ऐसे में उन पर किसी को शक भी नहीं होता है। गिरोह की महिलाएं सूप, छलनी या रसोई से संबंधित उपकरण तैयार करके उन्हें इलाके में बेचती हैं। इसी बहाने रैकी भी आसानी से हो जाती है। यही वजह है कि राजस्थान में उनके खिलाफ कोई मुकदमा दर्ज नहीं है। वर्जन

चारों आरोपितों को जेल भेजा जा चुका है। फरार आरोपित घुमंतू की तलाश की जा रही है। डेरों में फिलहाल महिलाएं शेष हैं। इन्हें जल्द यहां से भगाया जाएगा। फिलहाल निगरानी बढ़ा दी गई है।

अमृतलाल, कोतवाल दातागंज

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