बाढ़ कम होने से बढ़ा कटान, कई गांव की जमीन को खतरा
जिले में अब बाढ़ का प्रकोप कम होने लगा है। गंगा और रामगंगा का जलस्तर कम होते ही कटान का खतरा बढ़ गया है।
बदायूं : जिले में अब बाढ़ का प्रकोप कम होने लगा है। गंगा और रामगंगा का जलस्तर कम होते ही कटान का खतरा बढ़ गया है। हजारों बीघा जमीन अब कटान की भेंट चढ़ती जा रही है। बाढ़ से घिरे गांवों में कटान होने से लोगों में दहशत बढ़ गई है। वजह है कि बाढ़ का पानी कम होते ही उनके मकान भी कटकर पानी में ही ढह जाएंगे। इससे वह बेघर होंगे तो जंगल में उनकी जमीन भी नहीं बचेगी। बात प्रशासनिक अमले की करें तो दो चार दिन ही बाढ़ पीड़ितों की सुध ली गई, इसके बाद कुछ भी नहीं किया जा रहा है। प्रशासनिक अमले की ओर से कुछ भी हासिल नहीं हो रहा है। संस, दातागंज : तहसील क्षेत्र के गांव चापरकौरा का अस्तित्व खतरे में पड़ गया है। पिछले चार दिन से नदी में पानी कम होने से कटान शुरू हो गया है। कटान से लगभग एक हजार बीघा फसल बर्बाद हो गई है। मंदिर का एक कमरा भी ढह गया। नदी से गांव की दूरी महज पचास मीटर रह गई है। यही हाल रहा तो दर्जनों मकान बाढ़ भेंट चढ़ जाएंगे। गांव के निकट से रामगंगा नदी बहती है। एक सप्ताह पहले बाढ़ ने अपना प्रकोप दिखाया तो गंगा का जलस्तर बढ़ता ही चला गया। अब जैसे-जैसे जल स्तर कम होने लगा तो गांव के निकट बाढ़ के पानी से जमीन कटने लगी। गांव में बना मंदिर एक कमरा बाढ़ की भेंट चढ़ गया। इसके अलावा मंदिर भी खतरे के निशान पर गांव के ही रक्षपाल, गजब ¨सह, बलबीर, जगपाल, मुकेश, प्रेम ¨सह आदि की फसल नष्ट हो चुकी है। मंदिर के पुजारी चरण ¨सह ने बताया कि जिस तेजी से पानी कटान कर रहा है। जल्दी मंदिर बाढ़ के पानी की भेंट चढ़ जाएगा। प्रशासन ने शिकायत के बाद भी ध्यान नहीं दिया। वहीं दूसरी ओर क्षेत्रीय विधायक राजीव कुमार ¨सह ने बाढ़ क्षेत्र हजरतपुर, सकतपुर, सिमरिया, मौसमपुर, हररामपुर, नवादा, बदन में जाकर बाढ़ पीड़ितों का हाल चाल जाना। शासन द्वारा आई राहत सामग्री भी बटबाई। मौके पर जिला सहकारी फेडरेशन के चेयरमैन र¨वद्र पाल ¨सह, विजय कुमार ¨सह, एसडीएम दिनेश कुमार ¨सह, चेयरमैन आकाश वर्मा, दिनेश गुप्ता, अनूप गुप्ता आदि उपस्थित रहे।