तीन मौतों की खबर से गांव में पसरा सन्नाटा
हापुड़ के पिलखुआ कोतवाली क्षेत्र में तीन लोगों की मौत होने की खबर गांव पहुंची तो गांव में सन्नाटा पसर गया।
सिलहरी (बदायूं) : गाजियाबाद हाइवे पर हापुड़ के पिलखुआ कोतवाली इलाके के कालेज गेट पुलिस चौकी के पास शनिवार आधी रात को हुए हादसे में इलाके में उझानी थाना क्षेत्र के गांव गुराई के प्रधान रवींद्र ¨सह पटेल समेत तीन लोगों की मौत की खबर जब गांव पहुंची तो जहां परिवारों में कोहराम मच गया। वहीं गांव में सन्नाटा पसर गया। गांव समेत आसपास इलाके के लोग मृतकों के घर सांत्वना देने के लिए पहुंच गए। वहीं कई लोग शव लेने के लिए हापुड़ रवाना हो गए। देर शाम तीनों लाशें यहां पहुंची तो उन्हें देखने के लिए हजारों की भीड़ जुट गई। 40 वर्षीय प्रधान रवींद्र के अलावा उनका दोस्त नरेंद्र उर्फ रवी व ड्राइवर बृजेंद्र का गहरा दोस्ताना था। बृजेंद्र भले ही उनका ड्राइवर था लेकिन प्रधान के पूरे कारोबार की देखरेख उसी के जिम्मे रहती थी। गाड़ी के पार्ट्स लेने निकले थे
नरेंद्र की कार खराब थी तो उसके पार्ट लेने के लिए तीनों शनिवार को बरेली गए थे। सीबीगंज में गाड़ी संभल रही थी कु पुर्जे नहीं मलिे तो परिचित मोहन की कार से मेरठ को रवाना हो गए। वहां भी कामयाबी नहीं मिली तो दिल्ली का रुख किया। दिल्ली में पुर्जे मिल गए। इन पुर्जों को ट्रांसपोर्ट पर छोड़ने के बाद रवि अपने बेटे अनुज व अंकित से मिलने नोएडा पहुंचे। दोनों वहीं रहकर पढ़ाई कर रहे हैं।
बेटों ने रोका था पर नहीं माने
दोनों बेटों ने रवि को रात में न निकलने को कहा था। उनका कहना था कि दिन निकलने पर रवाना हों लेकिन रवि नहीं माना और जरूरी काम का हवाला देते हुए रात में ही सफर करने का फैसला लेते हुए चारों वहां से निकल लिए। बेटों को भी नहीं पता था कि यह चंद घंटों की मुलाकात उनकी अपने पिता से आखिरी मुलाकात है। निकलने के कुछ देर बाद ही उन्हें यह मनहूस खबर मिल गई कि रवि समेत कार में सवार उनके दोस्तों की मौत हो चुकी है।
चुनाव की तैयारी में थे नरेंद्र
हादसे का शिकार हुए नरेंद्र पटेल अपनी बेटी की शादी कर चुके थे। उसकी ससुराल आमगांव में है। नरेंद्र पटेल ने विधानसभा चनाव में बीसलपुर से बसपा से टिकट की दावेदारी भी की थी लेकिन टिकट नहीं मिला। वह पूर्व विधायक रामसेवक पटेल के बेटे रोहित पटेल के साले भी थे। ऐसे में रविवार शाम पूर्व विधायक के आवास पर भी हजारों की भीड़ उमड़ी। ऐसे में बरेली हाइवे पर जाम के हालात बन गए।
साथ जिए साथ मरे
रवींद्र व नरेंद्र बचपन से गहरे दोस्त थे। गांव में साथ रहने के अलावा शहर के जवाहरपुरी में भी दोनों ने पास ही अपने मकान बनवाए। दोनों एक साथ ही घूमते-फिरते थे। रवींद्र के एक बेटा कृष्णा पांच साल का है और बेटी तनु 10 साल की है। उनकी मौत से बच्चों समेत पत्नी रेनू का रो-रोकर बुरा हाल है। वहीं मृतक बृजेंद्र भी बचपन से ही नरेंद्र के परिवार के सदस्य की तरह रहता था। उसके भी एक बेटा व बेटी हैं।