सियासी चर्चाओं के सहारे कट रहा सफर
ट्रेन हो या बस हर जगह इन दिनों चुनाव को लेकर चर्चाएं हो रही हैं।
बदायूं : गली-मुहल्ला हो या चौबारा, या फिर अन्य कोई सार्वजनिक स्थल। इन दिनों हर जगह चुनाव से जुड़ी चर्चाएं ही दौड़ रही हैं। ट्रेनों में सफर कर रहे अजनबी लोग भी चुनावी चर्चा में इस कदर घुलमिल जाते हैं, कि पता ही नहीं लगता ट्रेन में सवार लोग एक परिवार के हैं या फिर रोजाना सफर के दौरान मिलने वाले दोस्त। बुधवार को भी नजारा कुछ ऐसा ही दिखा, जब कासगंज से बरेली जाने वाली पैसेंजर ट्रेन में बदायूं स्टेशन से दैनिक जागरण के संवाददाता भी सवार हुए।
एक डिब्बे में बैठे चौबे मुहल्ला निवासी पंकज ने अपने एंड्रायड फोन पर कुछ मैसेज देखने के बाद उसे जेब में रखा और बोल पड़े कि चुनाव बदायूं में तो कांटे की टक्कर का है। तुरंत ही अखबार पढ़ रहे चंदननगर खरैर के संदीप बोल पड़े कि कांटे की टक्कर कहीं किसी से नहीं है। क्योंकि जनता अब जवाब मांग रही है, प्रत्याशी दावे कर रहे हैं तो जागरूक जनता भी उन पर दावे और वादे पूरे करने का वक्त पूछ रही है। वादा कैसे पूरा होगा और इसके लिए क्या करना पड़ेगा, यह भी सवाल दागे जा रहे हैं। चेतन बोल पड़े कि कई प्रत्याशी तो इसी डर से वोट मांगने भी नहीं जा रहे हैं। वहीं उझानी के नीरज ने भी बीच में दखल करते हुए कहा कि सबसे अहम मुद्दा देश की सुरक्षा है, क्योंकि जब देश सुरक्षित होगा तभी तो मतदाता और संविधान सुरक्षित रहेगा, ऐसे में वोट देखभाल कर देना चाहिए। अमित ने भी अपनी राय रखते हुए कहा कि वोट किसी को भी दो लेकिन जाति, धर्म जैसी ओछी मानसिकता से उठते हुए विकास कराने और पिछड़ेपन को दूर करने वाले प्रत्याशी ही चुने जाने चाहिए। घटपुरी रेलवे स्टेशन तक चली इन चर्चाओं में भारत से लेकर विदेशों में होने वाले चुनाव के तरीकों तक पर वार्ता हुई।