धनतेरस पर यातायात व्यवस्था फेल, जाम से जूझा शहर
हर दिन जाम से जूझने वाला शहर दिवाली के त्योहार पर जाम के झाम से मुक्त कराने का दावा फेल हो गया।
बदायूं : हर दिन जाम से जूझने वाला शहर दिवाली के त्योहार पर जाम के झाम से मुक्त कराने का दावा किया गया था। कानून-व्यवस्था के मुखिया एसएसपी अशोक कुमार ने दावा किया था कि वह इस बार शहर को जाम से मुक्त रखेंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। धनतेरस के दिन जो जाम लगा वह पिछले कई वर्षों का रिकार्ड तोड़ गया। यातायात पुलिस सिर्फ अवैध वसूली में ही व्यस्त रही और शहरवासी जाम के झाम में फंसकर व्यवस्था को कोसते रहे। सुबह से ही लोग बाजारों की ओर खरीदारी करने निकले तो नो एंट्री तक में बड़े वाहन पहुंचने से वह जाम के झाम में फंस गए। जाम में फंसने वाले लोगों ने पुलिस अधिकारियों तक शिकायत पहुंचाई, लेकिन उनकी सुनने वाला कोई नहीं था। त्योहार के जश्न में डूबे अफसरों की लापरवाही से शहर की रफ्तार चींटी की तरह रेंगती रही। देर रात तक बाजार खुलने के बाद जब दुकानों के शटर गिरे तब जाकर जाम का दंश दूर हो पाया।
शहर के सभ्रांत नागरिकों ने पुलिस के जिम्मेदार अधिकारियों को यह बता दिया था कि यातायात व्यवस्था की कमान एक हेड कांस्टेबल के हाथ में है, इसलिए वह जाम के झाम को नहीं रोक पाएगा। मांग उठी थी कि किसी इंस्पेक्टर रैंक के पुलिस अधिकारी को धनतेरस से लेकर दीवाली तक यहां तैनात किया जाए। इससे जाम का झाम खत्म हो सके। मुश्किल काम नहीं था जो जाम को खत्म नहीं कर सकता था। मगर, ट्रैफिक व्यवस्था उसी सिपाही के हाथों में रही और ऐन धनतेरस वाले दिन शहर जाम हो गया। इससे त्योहार पर खरीदारी करने वाले बाजारों में ही फंसे रहे। पैदल निकलने वाले इंसानों को भी जगह नहीं बची थी। मुख्य कारण था कि इस दुर्दशा को रोकने के लिए कोई प्ला¨नग नहीं की गई थी।