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कारतूस नहीं बचा था नहीं तो मैं खुद भी आत्महत्या करता

बदायूं : कादरचौक थाना क्षेत्र के गांव रमजानपुर में बेवजह बहनों पर गोलियां बरसाकर एक बहन

By JagranEdited By: Published: Sat, 02 Jun 2018 01:54 AM (IST)Updated: Sat, 02 Jun 2018 01:54 AM (IST)
कारतूस नहीं बचा था नहीं तो मैं खुद भी आत्महत्या करता
कारतूस नहीं बचा था नहीं तो मैं खुद भी आत्महत्या करता

बदायूं : कादरचौक थाना क्षेत्र के गांव रमजानपुर में बेवजह बहनों पर गोलियां बरसाकर एक बहन को मौत के घाट उतारने वाले कातिल भाई ने पुलिस को बताया कि वह खुद भी आत्महत्या करना चाहता था। उसके पास चार कारतूस थे जो उसने अपनी बहनों के ऊपर चला दिए थे। इसके बाद उसके पास कोई गोली नहीं बची थी, नहीं तो वह खुद भी आत्महत्या कर लेता। जुर्म का पछतावा उसे उस वक्त हुआ जब वह पुलिस की गिरफ्त में आया। जुर्म इकबाल करते हुए कहा कि बड़ी बहन के ससुराल छोड़ने की बात के बाद उसको बहन के ससुरालीजन जिल्लत दे रहे थे। इसी सनक के चलते उसने खूनी घटना की रूपरेखा तैयार कर ली थी। बुधवार की देर रात गांव गांव रमजानपुर निवासी यामीन के बेटे राहत हुसैन ने अपनी तीन बहनों पर कातिलाना हमला बोला था। उसमें एक की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि दो गंभीर रूप से घायल हो गईं। उनका इलाज बाहर चल रहा है। घटना के बाद तहकीकात में पता चला कि यामीन अपने दो बेटों के साथ दिल्ली में रहकर मेहनत मजदूरी करता है और उसका छोटा बेटा राहत हुसैन गांव में अपनी चार बहनें और मां के साथ रहता था। कुछ समय पहले यामीन ने अपनी बड़ी बेटी फिरदौस बी की शादी रमजानपुर में ही कर दी। हाल ही में फिरदौस बी का ससुराल में विवाद हो गया तो वह मायके आकर रहने लगी। इसी बात को लेकर राहत के सनक सवार थी कि उसकी बहन ने अपना घर छोड़ दिया तो आने वाले समय में उसकी चार बहनों की शादी होगी तो वह भी इसी तरह से अपना घर छोड़ देंगी। इससे उसकी गांव में बदनामी होगी। बुधवार की रात फिरदौस बी, नियाजबीन अपनी मां के साथ सो रही थीं तो जमीन पर 16 वर्षीय नाजरीन, यासमीन, खुशनसीब सो रही थीं। इसी दौरान रात में करीब ढाई बजे उसने अपने तमंचे से तीनों बहनों पर फाय¨रग कर दी। हमले में नाजरीन की मौके पर ही मौत हो गई। गुरूवार को रात में पुलिस ने आरोपित राहत को गिरफ्तार किया तो उसने बताया कि चारों बहनों की हत्या करने के बाद वह खुद भी आत्महत्या करना चाहता था, लेकिन उसके पास कारतूस एक भी नहीं बचा था। साहब मुझे पछतावा हो रहा है अब बचा दो

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कादरचौक थाने में पुलिस ने उससे घटनाक्रम के बारे में पूछा तो उसने एसओ सत्यप्रकाश ¨सह को बताया कि उसको पछतावा काफी हो रहा है कि उसने यह क्या कर डाला। अब उसको छोड़ दिया जाए। इस बात पर एसओ ने उसको कानून समझाया कि उसने कितना बड़ा गुनाह किया है। अब उसको कोई नहीं बचा सकता। बीड़ी पिला दो चरस कभी नहीं पियूंगा

पुलिस गिरफ्त में बहन के कातिल ने बीड़ी पीने को मांगी तो पुलिस ने उससे कहा कि वह स्मैक पीएगा इस बात पर उसने कहा कि वह स्मैक कभी नहीं पीता है। वह चरस पीता था अब ¨जदगी में कभी नहीं पीएगा। उसको सिर्फ बीड़ी पिला दी जाए।


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