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गरीबों को मिल सकेगा डेढ़ लाख तक का निश्शुल्क इलाज

गरीब तबके के लोगों के लिए अब स्वास्थ्य विभाग की ओर से डेढ़ लाख रुपये तक का निश्शुल्क इलाज मुहैया कराया जाएगा। रोगी कल्याण निधि के जरिए यह प्रक्रिया अमल में लाई जाएगी। जिम्मेदारों का कहना है कि इसके लिए उनके पास पर्याप्त बजट भी मौजूद है। हालांकि इससे पहले डीएम की अनुमति भी इस काम के लिए जरूरी होगी।

By JagranEdited By: Published: Wed, 19 Feb 2020 12:29 AM (IST)Updated: Wed, 19 Feb 2020 12:29 AM (IST)
गरीबों को मिल सकेगा डेढ़ लाख तक का निश्शुल्क इलाज
गरीबों को मिल सकेगा डेढ़ लाख तक का निश्शुल्क इलाज

जागरण संवाददाता, बदायूं : गरीब तबके के लोगों के लिए अब स्वास्थ्य विभाग की ओर से डेढ़ लाख रुपये तक का निश्शुल्क इलाज मुहैया कराया जाएगा। रोगी कल्याण निधि के जरिए यह प्रक्रिया अमल में लाई जाएगी। जिम्मेदारों का कहना है कि इसके लिए उनके पास पर्याप्त बजट भी मौजूद है। हालांकि इससे पहले डीएम की अनुमति भी इस काम के लिए जरूरी होगी।

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साल 2011 की बीपीएल सूची के आधार पर चयनित पात्रों के लिए आयुष्मान भारत योजना के तहत गोल्डन कार्ड बनाए जा रहे हैं। इस कार्ड से सरकारी या गैर सरकारी अस्पतालों में मरीज पांच लाख रुपये तक का इलाज करा सकता है। वहीं तमाम लोग ऐसे भी हैं, जिनकी आय बीपीएल कार्ड धारक से भी कम है लेकिन किसी न किसी कारणवश उनके नाम इस सूची में नहीं रखे गए हैं। ऐसे लोगों के लिए स्वास्थ्य विभाग डेढ़ लाख रुपये तक का निश्शुल्क इलाज मुहैया कराएगा।

यह होगी प्रक्रिया

- गंभीर हालत में घायल या बीमार व्यक्ति की आय का प्रमाण पत्र सीएमओ कार्यालय में दिखाना होगा। उसकी आय बीपीएल कार्डधारक की आय से कम होने पर उसे यह सुविधा दी जाएगी। स्वास्थ्य विभाग की ओर से उसकी फाइल तैयार कर डीएम के पास भेजी जाएगी। डीएम का अनुमोदन मिलने के बाद संबंधित मरीज को स्थानीय या फिर पीजीआइ तक इलाज को भेजा जाएगा।

यह होगी शर्त

शर्त यह रहेगी कि उसका इलाज सरकारी अस्पताल में ही होगा। निजी अस्पताल में मरीज को नहीं भेजा जाएगा। जो भी संसाधन सरकारी अस्पताल में मौजूद नहीं होंगे, स्वास्थ्य विभाग स्वयं खरीदेगा। फिर चाहें वह कूल्हा प्रत्यारोपण की प्रक्रिया हो या फिर अन्य किसी बड़ी बीमारी का इलाज। डेढ़ लाख रुपये तक का खर्च स्वास्थ्य विभाग खुद वहन करेगा। वर्जन

रोगी कल्याण निधि में हमारे पास पर्याप्त रकम मौजूद है। इस रकम के जरिए ही गरीब मरीजों को यह सुविधा दी जाएगी। हालांकि इसके लिए आय प्रमाण पत्र भी जरूरी है।

डॉ. यशपाल सिंह, सीएमओ


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