पुलिस की एफआर खारिज, दोबारा विवेचना का आदेश
कोर्ट ने भूदेवी हत्याकांड में पुलिस की एफआर खारिज कर दी।
उघैती : तकरीबन डेढ़ साल पहले उघैती में घर में घुसकर वृद्धा की हत्या और जेवरात लूटपाट के मामले में पुलिस की ओर से लगाई गई एफआर अदालत ने खारिज कर दी है। विशेष न्यायाधीश डकैती व एडीजे तीन राजकुमार सिंह ने पुलिस को प्रोटेस्ट प्रार्थना पत्र में वर्णित तथ्यों के आधार पर दोबारा विवेचना करने का आदेश दिया है।
कस्बा उघैती निवासी लालाराम शाक्य की मां भूदेवी (70) की 19 अक्टूबर 2017 की रात घर में घुसकर नृशंस हत्या के साथ ही तकरीबन 22 लाख का माल-जेवर लूटा गया था। इस मामले में लालाराम की ओर से गांव के ही सत्यवीर सिंह पुत्र लखपत सिंह, इस्लामनगर के आसिब पुत्र अल्लाहदीन व चार अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था। मामले की विवेचना थाना पुलिस के बाद क्राइमब्रांच में तैनात रहे इंस्पेक्टर मनीराम ने भी की। लालाराम ने मामले से जुड़े गवाह और साक्ष्य भी पुलिस को दिए लेकिन पुलिस ने सभी साक्ष्यों को दरकिनार कर एकतरफा विवेचना करते हुए आरोपितों को क्लीनचिट दे डाली। जबकि इस बीच लालाराम एडीजी बरेली जोन, से लेकर हाइकोर्ट तक जाकर विवेचना में अपने ओर से दिए जा रहे साक्ष्यों को भी शामिल करने की मांग की लेकिन पुलिस ने सुनकर नहीं दी और मामले में एफआर लगा दी। कोर्ट में वादी ने पुलिस की एफआर पर प्रोटेस्ट किया तो अदालत ने पुलिस की एफआर निरस्त करते हुए दोबारा विवेचना का आदेश दिया है।
----
लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप