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खुशियों के संग जलाएं संकल्पों के दीप

आईए दीपावली पर्व पर खुशियों के साथ संकल्पों के दीप जलाएं।

By JagranEdited By: Published: Wed, 07 Nov 2018 12:14 AM (IST)Updated: Wed, 07 Nov 2018 12:14 AM (IST)
खुशियों के संग जलाएं संकल्पों के दीप
खुशियों के संग जलाएं संकल्पों के दीप

बदायूं : दीप पर्व दीपावली भारतीय संस्कृति का अनूठा उदाहरण है। सदियों से चली आ रही खुशियों की इस परंपरा को निर्वहन करने के साथ कुछ अच्छा करने का संकल्प ले लें तो यह त्योहार सार्थक हो सकेगा। रोशनी के इस त्योहार पर अंधाधुंध आतिशबाजी से पर्यावरण प्रदूषित होने लगा है। खुली हवाओं में सांस लेना दुश्वार होने लगा है। इंसान से लेकर जीव-जंतुओं और पेड़-पौधों तक को नुकसान पहुंचाने वाले पटाखों का उपयोग न करना ही हितकर होगा। परंपरागत त्योहार मनाने के बजाय हम सामाजिक बुराइयों को त्यागने की पहल करें तो निश्चित रूप से खुद में बदलाव दिखने के साथ सामाजिक परिवर्तन होते देर नहीं लगेगी। वर्तमान के साथ भविष्य को खुशहाल बनाने के लिए निरंतर प्रयास करने होंगे। कानूनी और सामाजिक तौर पर जिस कार्य को वर्जित किया गया है, वह कदापि न करें। अपने दायित्वों का ईमानदारी से पालन करें। तभी जीवन, परिवार और समाज में खुशहाली आ सकेगी। पॉलीथिन को न कहें

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सरकार ने पॉलीथिन पर प्रतिबंध लगा चुकी है। दीपावली पर सबसे पहले इस बात का वचन लें कि पॉलीथिन का उपयोग पूरी तरह बंद कर दें। बाजार में कपड़े के थैले मौजूद हैं। खासियत यह है कि इनके दाम और पॉलीथिन के दामों में भी ज्यादा अंतर नहीं है। वहीं सुरक्षित भी ज्यादा है। नालों में फंसकर जलभराव की समस्या भी नहीं होगी साथ ही साथ खेतों की उर्वरा शक्ति भी बढ़ेगी, तो आइये संकल्प लें कि अब पॉलीथिन का उपयोग कदापि नहीं करेंगे। हेलमेट का हर हाल में प्रयोग करें

वाहन चलाते वक्त हेलमेट का उपयोग हमेशा करें। पुलिस भी यही कहती है कि सिर सुरक्षित तो सब सुरक्षित। हर साल जिले में सड़क हादसों में छह सौ से अधिक मौतें होती हैं। इस साल में ही अभी तक 381 लोगों की हादसों में मौत हो चुकी है। इनमें अधिकांश की मौत की वजह हेडइंजरी रही है। जबकि आने वाले दिनों में कोहरे का मौसम आ रहा है तो हादसों की आशंका भी बढ़ी है। रफ्तार पर लगाएं लगाम

हादसों की एक बड़ी वजह रफ्तार भी रहती है। क्योंकि यहां नाबालिगों के हाथ में भी परिवार वाले हाइस्पीड बाइकें दे देते हैं। पुलिस के आंकड़ों के मुताबिक साल में अभी तक 1467 चालान ऐसे हुए हैं, जिनमें नाबालिग वाहन चला रहे थे। नाबालिग के साथ ट्रिप¨लग करते वक्त पकड़े गए 132 वाहन बाइकें सीज की गई थीं। जरूरी है कि बच्चों को हाइस्पीड बाइक न दें, साथ ही पहले उसे रफ्तार पर नियंत्रण से होने वाले फायदे गिनाएं और ड्राइ¨वग लाइसेंस जरूर बनवाएं। सड़क पर कूड़ा कचरा न फेंके

हाल ही में जिले में मलेरिया और फाल्सीपेरम मलेरिया से ढाई सौ से अधिक लोगों की मौत हो गई। शासन की टीम ने यहां पहुंचकर मौत की वजह तलाशी तो पता लगा कि उन गांवों में ज्यादा वायरस फैला, जहां गंदगी थी। ऐसे में दोबारा ऐसे हालात न बनें, इसके लिए हर व्यक्ति को चाहिए कि सड़क पर कचरा न फेंके और अपने घर के आसपास सफाई व्यवस्था दुरुस्त रखें। कचरा कूड़ेदान में ही डालें। इससे शहर तो साफ रहेगा ही साथ ही विभिन्न बीमारियों से भी बचे रहेंगे। रक्तदान जरूर करें

दीपावली पर अगर दान ही करना है तो रक्तदान से बड़ा कोई दान नहीं है। क्योंकि इससे किसी जरूरतमंद की जान बच सकती है। सीएमओ डॉ. मंजीत ¨सह के मुताबिक रक्तदान से किसी तरह की कमजोरी तो नहीं आती है बल्कि नए रक्त का संचार होने से कुछ दिन में ही नई ताजगी और स्फूर्ति का अनुभव लोग करते हैं। पौधे गिफ्ट करें, खुद भी लगाएं

सबसे बड़ी बात जो खुद समेत आने वाली पीढि़यों के लिए भी बेहतर भविष्य साबित होगी। लोगों को चाहिए कि दीपावली पर पारंपरिक गिफ्ट के अलावा पौधे उपहार में दें। खुद भी पौधे लगाएं और अपने घर समेत आसपास का वातावरण सुगंधित और सुरक्षित करें। आने वाले सालों में ये पौधे जब पेड़ का रूप लेंगे तो जहां लोगों को छांव मिलेगी वहीं लगातार बिगड़ रहा प्रकृतिक संतुलन भी काबू में आ जाएगा और बेमौसम बारिश और गर्मी से होने वाली बीमारियों से भी लोग बचे रहेंगे।


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