प्रशासनिक अधिकारियों के साथ नरऊ पहुंची स्वास्थ्य विभाग की टीम
नरऊ गांव में महिला की मौत की सूचना के बाद स्वास्थ्य विभाग की नींद टूटी है। गुरुवार को संक्रामक रोग नियंत्रण सेल प्रभारी डॉ. कौशल गुप्ता समेत चिकित्सा अधीक्षक डॉ. महेश प्रताप सिंह और एसडीएम सदर पारसनाथ मौर्य व सीओ सर्वेंद्र सिंह के अलावा कोतवाली पुलिस गांव पहुंची। टीम ने लोगों को दवाएं बांटीं। गांव में एक सप्ताह में दो महिलाओं समेत तीन लोगों की मौत हो चुकी है। ग्रामीणों का कहना है कि गांव के तालाब का पानी दूषित है। इसकी वजह से घरों के हैंडपंपों में पीला पानी आ रहा है और ग्रामीण पीलिया के शिकार हो रहे हैं। जिससे उनकी मौत हुई है। जबकि स्वास्थ्य विभाग खून की कमी व अन्य बीमारी को मौत की वजह बता रहा है।
संसू, उझानी : नरऊ गांव में महिला की मौत की सूचना के बाद स्वास्थ्य विभाग की नींद टूटी है। गुरुवार को संक्रामक रोग नियंत्रण सेल प्रभारी डॉ. कौशल गुप्ता समेत चिकित्सा अधीक्षक डॉ. महेश प्रताप सिंह और एसडीएम सदर पारसनाथ मौर्य व सीओ सर्वेंद्र सिंह के अलावा कोतवाली पुलिस गांव पहुंची। टीम ने लोगों को दवाएं बांटीं।
गांव में एक सप्ताह में दो महिलाओं समेत तीन लोगों की मौत हो चुकी है। ग्रामीणों का कहना है कि गांव के तालाब का पानी दूषित है। इसकी वजह से घरों के हैंडपंपों में पीला पानी आ रहा है और ग्रामीण पीलिया के शिकार हो रहे हैं। जिससे उनकी मौत हुई है। जबकि स्वास्थ्य विभाग खून की कमी व अन्य बीमारी को मौत की वजह बता रहा है। यह ग्रामीण चपेट में
सुनील कुमार, हेमसिंह, सोहन पाल, रेवती, नितिन कुमार, कृष्णा, यादराम, लक्ष्मी देवी, ओमपाल, रूमाल देवी, शिवी, विजय सिह, रीना, ईश्वरवती, रामवेटी, रूम सिह, सोनू, अशोक, रक्षपाल, रामस्नेही, सवित्री देवी, हिमाशु, मुन्नी देवी, सावित्री देवी, गंगा देवी, भगवान श्री, शशि देवी लगभग 27 लोग इस रोग की चपेट में हैं।
इन ग्रामीणों में हुई थी पुष्टि
पिछले दिनों एसीएमओ की मौजूदगी में गांव वालों का परीक्षण कर दवाएं बांटी गईं। परीक्षण में राघवेंद्र (65), सर्वेश (50), में हेपीटाइटिटस बी के लक्षण मिले थे। जिला अस्पताल से दवा दिलाकर उन्हें घर भेजा था। एक सप्ताह के भीतर सोमवती (50) पत्नी कल्यान, प्रेमपाल (35) व सुखदेवी (70) पत्नी कलफ सिंह की मौत हो गई।
वर्जन ::
सुखदेवी की मौत खून की कमी से हुई है। परिजनों की भी लापरवाही रही थी। उपचार के अभाव में महिला ने दम तोड़ दिया।
- डॉ. महेश प्रताप सिंह, चिकित्सा अधीक्षक उझानी
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तालाब की समस्या के स्थाई समाधान शासन स्तर पर भी खोजा जा रहा है। कुछ ग्रामीणों ने तालाब का पानी भैंसोर नदी में छोड़ने का सुझाव दिया लेकिन नदी ऊंचाई पर है। ऐसे में वहां नाला बनाने पर भी विचार किया जा सकता है।
पारसनाथ मौर्य, एसडीएम