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दस साल बाद खुली हवा में सांस लेने की बंधी आस

हत्या जैसे मामलों में आजीवन कारावास की सजा पा चुके चार कैदियों की रिहाई की आस जगी है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 15 Aug 2018 08:46 AM (IST)Updated: Wed, 15 Aug 2018 08:46 AM (IST)
दस साल बाद खुली हवा में सांस लेने की बंधी आस
दस साल बाद खुली हवा में सांस लेने की बंधी आस

बदायूं : हत्या समेत डकैती डालने के बाद हत्या जैसे मामलों में आजीवन कारावास की सजा पा चुके चार कैदियों के समय पूर्व रिहाई की आस जगी है। जेल प्रशासन ने शासन से निर्धारित ¨बदुओं के आधार पर चार कैदियों का ब्यौरा भेजा है। हालांकि इस रिपोर्ट में शासन द्वारा मांगे गए ¨बदुओं में कैदी सटीक नहीं बैठ रहे लेकिन यह प्रारंभिक प्रक्रिया है, इसलिए ¨बदुओं से मिलान के करीब दिख रहे चार कैदियों के नाम भेजे गए हैं। सब कुछ मानकों पर रहा तो दो अक्टूबर को इनकी समय पूर्व रिहाई हो सकती है।

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जिला कारागार में विभिन्न मामलों में सजा काट रहे करीब 294 कैदी हैं। इनमें आजीवन कारावास में 106 कैदी निरुद्ध हैं। दो अक्टूबर को गांधी जयंती के मौके पर शासन ने स्पष्ट नीति के तहत कैदियों की समय पूर्व रिहाई की योजना बनाई है। इसके तहत समूचे प्रदेश की जेलों से उनके यहां निरुद्ध कैदियों का ब्योरा निर्धारित ¨बदुओं के तहत मांगा है। समय पूर्व रिहाई के मानक

शासन ने 60 से 65 साल की उम्र के ऐसे कैदियों की सूची मांगी है जो अपनी सजा की आधी अवधि जेल में बिता चुके हैं। वहीं 65 से 70 साल वाले ऐसे कैदी जो 10 साल की सजा काट चुके हों। वहीं असाध्य बीमारियों से ग्रसित जैसे ब्रेन ट्यूमर, किडनी फेलियर, अंधे, पैरालाइसिस के शिकार और मानसिक दिवालिया हो चुके हों। ऐसे कैदियों को भी अलग से ¨बदु निर्धारित कर उनकी रिहाई की जाना है। इनकी नहीं हो सकती रिहाई

तीन से अधिक हत्याएं करने वाले कैदियों के अलावा कारागार प्रशासन दो साल में दंडित किए गए अपराधी एवं पेरोल के दौरान अपराध करने वाले और जेल से फरार होने वाले समेत एक से अधिक मामलों में आजीवन कारावास की सजा भुगतने वाले कैदियों की रिहाई नहीं होगी। इसके अलावा आतंकवादी गतिविधि, विदेशी मुद्रा तस्करी, सुपारी किलर, भीख मांगने के लिए बच्चों का अपहरण और उनके अंग काटने वाले कैदियों की रिहाई नहीं की जाएगी। इन कैदियों की भेजी गई रिपोर्ट

जिला कारागार अधीक्षक केपी त्रिपाठी ने बताया कि ¨बदुवार सूचनाएं मांगी गई थीं। उन ¨बदुओं के मानक में हमारे यहां कोई कैदी नहीं आ रहा है लेकिन ऐसे चार कैदियों की जानकारी दे दी गई है जो सजा की आधी अवधि जेल में बिता चुके हैं। वहीं ऐसे बंदी भी हैं जिनकी उम्र 60 से 70 के बीच की है। ये कैदी उसावां, फैजगंज, हजरतपुर और बिल्सी थाना क्षेत्रों के रहने वाले हैं। आगे की कार्रवाई शासन स्तर से होगी।


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