संस्कारशाला ::: बड़ों के बताए मार्ग पर चलें, आसानी से मिलेगी सफलता
भारतीय संस्कृति में बड़ों का आदर-सम्मान का बड़ा महत्व है। बड़ों के आदेश को पत्थर की लकीर मानकर काम किया जाता रहा है।
फोटो 17 बीडीएन 01 - कुंवर रुकुम सिंह नगला वैदिक इंटर कॉलेज में लगी पाठशाला जागरण संवाददाता, बदायूं : भारतीय संस्कृति में बड़ों का आदर-सम्मान का बड़ा महत्व है। बड़ों के आदेश को पत्थर की लकीर मानकर काम किया जाता रहा है। दैनिक जागरण की ओर से कुंवर रुकुम सिंह नगला वैदिक इंटर कॉलेज में आयोजित पाठशाला में शिक्षक डॉ. योगेंद्र मौर्य ने यह विचार व्यक्त किए। उन्होंने हमेशा बच्चों को बड़ों का आदर करने और प्रेम का भाव रखने को जागरूक किया। कहा, आज के समय बदलते परिवेश में लोग पाश्चात्य संस्कृति की ओर जा रहे हैं और सोशल मीडिया से ज्यादा जुड़ाव रखते हैं। जिसका कारण है कि वह हमारी संस्कृति को भूलते जा रहे हैं। जबकि बड़ों के बताए मार्ग पर चलकर आसानी से लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है। जैसे एकलव्य ने गुरु व भगवान श्रीराम ने पिता के आदेश का पालन कर आदर्श प्रस्तुत किया। छात्रों से बात :
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बिना बड़ों की सीख के कोई भी काम संभव नहीं है। हमेशा उनका सम्मान करना चाहिए।
- सुमित फोटो 17 बीडीएन 03
विद्यार्थियों को ऊंचाई पर पहुंचने के लिए बड़ों के मार्गदर्शन की ही आवश्यकता पड़ती है।
- हेमंत कुमार फोटो 17 बीडीएन 04
माता-पिता और कॉलेज में शिक्षकों के बताए मार्ग पर चलने से सफलता आसानी से मिलती है।
- ध्रुव शर्मा फोटो 17 बीडीएन 05
बड़ों की बातें भले ही आज बुरी लगे लेकिन वह निश्चित रूप से उपयोगी सिद्ध होती हैं।
- तन्मय पटेल शिक्षकों से बात : फोटो 17 बीडीएन 06
बड़ों के प्रति आदर रखने के लिए जागरण की तरह अभियान चलाना आज के समय में बेहद जरूरी है।
- सर्वेश सिंह फोटो 17 बीडीएन 07
चाहें विद्यार्थी जीवन हो या उसके बाद का जीवन। बड़ों का आदर करके ही सफलता मिलेगी।
- राजपाल सिंह फोटो 17 बीडीएन 08
बड़ों का कहना न मानकर पूरी उर्जा से काम करने के बाद भी लोग सफलता से दूर रह जाते हैं।
- उमेश सिंह राठौर फोटो 17 बीडीएन 09
बड़ों के साथ सभी लोगों के लिए आदर व प्रेम का भाव रखने से समाज में अलग की छवि बनती है।
- रणवीर सिंह राठौर