बढ़ेगा छात्र-शिक्षक अनुपात, संवरेगा नौनिहालों का भविष्य
तमाम कोशिशों के बाद भी परिषदीय विद्यालयों की शैक्षिक गुणवत्ता उम्मीद के अनुसार नहीं हो पा रही है। कारण है शिक्षकों की वर्तमान तैनाती और छात्र संख्या का ज्यादा अनुपात। जिसमें 69 छात्र-छात्राओं पर एक शिक्षक का औसत है। जल्द ही जिले को 2100 और शिक्षक मिलेंगे। जिसके बाद छात्र-शिक्षक अनुपात बढ़ेगा और शिक्षक उतनी ही मेहनत करके नौनिहालों का भविष्य सवारेंगे।
जेएनएन, बदायूं : तमाम कोशिशों के बाद भी परिषदीय विद्यालयों की शैक्षिक गुणवत्ता उम्मीद के अनुसार नहीं हो पा रही है। कारण है शिक्षकों की वर्तमान तैनाती और छात्र संख्या का ज्यादा अनुपात। जिसमें 69 छात्र-छात्राओं पर एक शिक्षक का औसत है। जल्द ही जिले को 2100 और शिक्षक मिलेंगे। जिसके बाद छात्र-शिक्षक अनुपात बढ़ेगा और शिक्षक उतनी ही मेहनत करके नौनिहालों का भविष्य सवारेंगे।
प्राथमिक विद्यालयों में दो लाख 52 हजार छात्र-छात्राएं पंजीकृत हैं और 936 प्रधानाध्यापक व 2537 सहायक अध्यापक कार्यरत हैं। इस हिसाब से लगभग 72 बच्चों पर एक शिक्षक तैनात है जबकि 30 बच्चे प्रति शिक्षक के हिसाब से 8400 शिक्षक तैनात होने चाहिए। उच्च प्राथमिक विद्यालयों में 97 हजार छात्र-छात्राओं को पढ़ाने के लिए 1584 प्रधानाध्यापक व शिक्षक-शिक्षिकाएं तैनात हैं। इन विद्यालयों में 61 छात्र-छात्राओं पर एक शिक्षक तैनात है। मानक के अनुसार 2771 शिक्षक-शिक्षिकाओं की तैनाती होनी चाहिए। नई भर्ती में अगर जिले को 2100 शिक्षक मिलेंगे तो औसत मानक के पास पहुंच जाएगा। जो लगभग 49 बच्चे प्रतिशत शिक्षक होगा।
स्थानांतरण से पहले भर्ती जरूरी
लॉकडाउन से पहले परिषदीय विद्यालयों के शिक्षक-शिक्षिकाओं के स्थानांतरण की प्रक्रिया संचालित थी। जो अंतिम चरण में थी। आवेदन, काउंसिलिग के बाद ऑनलाइन सत्यापन का कार्य भी पूरा कर लिया गया था। तकरीबन डेढ़ हजार शिक्षकों की स्थानांतरण प्रक्रिया रुकी हुई है। अगर स्थानांतरण शिक्षक भर्ती से पहले कर दिए जाएंगे तो छात्र-शिक्षक अनुपात बहुत ज्यादा हो जाएगा और तैनात शिक्षक सही प्रकार से बच्चों को नहीं पढ़ा पाएंगे।
वर्जन..
शिक्षक-शिक्षिकाओं की वर्तमान तैनाती के अनुसार छात्र-शिक्षक अनुपात ज्यादा है। जल्द ही परिषदीय विद्यालयों में 2100 शिक्षकों की भर्ती की प्रक्रिया होगी। जिसके बाद से मानक के अनुसार छात्र-शिक्षक अनुपात अच्छा होगा।
- रामपाल सिंह राजपूत, बीएसए