साइबर सेल को चकमा दे रहे 18 ठग
साइबर ठगों ने हाईटेक और अत्याधुनिक संसाधनों से लैस होने का दावा करने वाली पुलिस के सामने बड़ी चुनौती है।
बदायूं : साइबर ठगों ने हाईटेक और अत्याधुनिक संसाधनों से लैस होने का दावा करने वाली पुलिस के सामने सबसे बड़ी चुनौती खड़ी कर दी है। लोगों के खातों से रकम चुराई, लेकिन साइबर सेल पुलिस का सुकून छीन ले गए। ठगों के मोबाइल नंबर तो छोड़िए, बैंक खाते तक फर्जी दस्तावेजों पर चलते मिले हैं। ज्यादातर खाते झारखंड की बैंकों के हैं लेकिन ठग का पता न खाते के गारंटर का। केवल खाते सीज हो सके, मुकदमे थाने में लटके हैं। दो साल में 60 मुकदमे, 18 ठगी के
जिले में साल 2017 से अब तक विभिन्न थानों में आइटी एक्ट के लगभग 60 मुकदमे दर्ज हुए हैं। इनमें 18 मामले ऐसे हैं जिनमें लोगों से बैंक अधिकारी बनकर एटीएम कार्ड के विवरण, पासवर्ड लेकर ठगी की गई। ठगों ने खातों से ऑनलाइन ही रकम अपने खातों में ट्रांसफर की थी। आइटी एक्ट के अन्य प्रकरण आपत्तिजनक मैसेज, फोटो डालने, फर्जी आइडी बनाकर बदनाम करने, आपत्तिजनक फोटो डालने आदि के थे।
सिम, मोबाइल, खाते तक फर्जी आइडी पर
मुकदमे दर्ज करने के बाद पुलिस ने ठगों के मोबाइल नंबर की छानबीन की। इनकी आइडी फर्जी निकली तो संबंधित नंबर की आइएसपी (इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर) कंपनी पता से मोबाइल का आइएमईआइ नंबर तलाश किए। पता लगा कि मोबाइल भी फर्जी नाम व पते से खरीदे गए थे। तब उन बैंक खातों की पड़ताल की, जिनमें ठगों ने कम ट्रांसफर की थी। अधिकतर खाते झारखंड के विभिन्न बैंकों के निकले। यह खाते भी फर्जी दस्तावेजों से खुले थे। पते तो गलत थे ही, गारंटर भी फर्जी थे। केवल खाते ही सीज कराने की लिखापढ़ी तक कार्रवाई सिमट गई।
बिसौली में सबसे ज्यादा मुकदमे
जिले में सबसे ज्यादा पांच मुकदमे बिसौली थाने में लंबित हैं। मूसाझाग में तीन तो उझानी, कादरचौक और सिविल लाइंस में दो-दो मुकदमे जांच में हैं। उघैती, उसहैत, फैजगंज, सहसवान में एक-एक मुकदमा लटका है। वर्जन ::
साइबर ठगी के सभी मुकदमों में विवेचना जारी है। ठगों के दस्तावेज फर्जी मिले हैं। अन्य तरीकों से उन्हें पकड़ने की योजना बनाई जा रही है। बैंकों को भी खाते खोलने में सतर्कता बरतने को कहा गया है।
- जितेंद्र श्रीवास्तव, एसपी सिटी