खाद घोटाले में चुप्पी साध गए जिम्मेदार
तीन करोड़ के खाद घोटाले की जांच करने के लिए कोई गंभीर नहीं है।
बदायूं : जिले के पीसीएफ गोदाम से तीन करोड़ रुपये की खाद के घोटाले की तफ्तीश थम चुकी है। वजह है कि जांच कर रही एसआइटी भंग हो चुकी है। नई टीम का गठन भी नहीं किया जा सका है। ऐसे में सिविल लाइंस थाने के एसएसआइ ही फिलहाल जांच अधिकारी के तौर पर नियुक्त हैं। जबकि इतनी बड़ी जांच महज एसएसआइ से करा पाना संभव नहीं है।
जनवरी में शहर के अलापुर रोड स्थित पीसीएफ गोदाम से तीन करोड़ रुपये की खाद गायब होने का मामला प्रकाश में आया था। डीएम ने मामले की जांच कराई तो पता लगा कि 3102 मीट्रिक टन खाद गोदाम से नदारद थी। इस खाद की कीमत लगभग तीन करोड़ रुपये थी। शासनस्तर तक इस मामले की गूंज गई थी। बाद में जिला प्रबंधक अशोक शर्मा की तहरीर पर पुलिस ने इस मामले में गोदाम प्रभारी जगतपाल सिंह निवासी आवास विकास के अलावा परिवहन ठेकेदार व इफ्को के तत्कालीन अधिकारी के खिलाफ गबन का मुकदमा दो जनवरी को दर्ज किया गया।
इधर, मामले की जांच के लिए दो इंस्पेक्टर समेत एक एसएसआइ और दो एसआइ की टीम बनाई गई। दोनों इंस्पेक्टर तबादला पा चुके हैं। जबकि दो एसआइ का भी तबादला हो चुका है। ऐसे में केवल एसएसआइ अनिल कुमार ही इस प्रकरण के जांच अधिकारी शेष हैं। वहीं नई टीम गठन के नाम पर अफसर फिलहाल खामोश हैं। वर्जन
मामला मेरे संज्ञान में नहीं है। पूरी स्थिति का पता लगाया जाएगा। इसके बाद टीम का गठन भी किया जाएगा। घोटाला करने वाले बख्शे नहीं जाएंगे।
- अशोक कुमार त्रिपाठी, एसएसपी
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