पिता-पुत्र की हत्या में पांच को उम्रकैद
जिला एवं सत्र न्यायाधीश रमेश चंद्र दिवाकर ने पिता व पुत्र की हत्या के मामले में पांच आरोपितों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। इनमें आरोपित पिता-पुत्र भी शामिल हैं।
जागरण संवाददाता, बदायूं : जिला एवं सत्र न्यायाधीश रमेश चंद्र दिवाकर ने पिता व पुत्र की हत्या के मामले में पांच आरोपितों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। इनमें आरोपित पिता-पुत्र भी शामिल हैं। सभी पर 55-55 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया है।
थाना बिसौली क्षेत्र के गांव कुआडांडा निवासी पुष्पेंद्र सिंह पुत्र सुल्तान सिंह ने थाने में नौ जुलाई 2016 को रिपोर्ट दर्ज कराई थी। जिसमें कहा, उसके पिता सुल्तान सिंह व भाई बबलू मोटर साइकिल से बिसौली से बाजार करके घर लौट रहे थे। दूसरी मोटर साइकिल पर वह उसके गांव के जुगेंद्र व हरेंद्र सिंह व उसके पुत्र साहब सिंह थे, जैसे ही वह लोग आसफपुर रोड पर सरकारी कुंआ पर पहुंचे तो पहले से घात लगाए बैठे पुष्पेंद्र, पुत्तन, श्याम मोहन, भाय सिंह, रामतीरथ ने उसके पिता सुल्तान पर लाठी मारकर मोटर साइकिल को गिरा दिया। पुत्तन सिंह ने सुल्तान सिंह को गोली मार दी। अन्य लोगों ने वादी के भाई पर फायर किया और गाली गलौज की। जान से मारने की धमकी देते भाग गए। पिता को गंभीर हालत सरकारी अस्पताल बिसौली लेकर पहुंचे। जहां उनकी अगले दिन मृत्यु हो गई। घायल भाई सतेंद्र पुत्र सुल्तान की इलाज के दौरान 12 जुलाई 2016 को मृत्यु हो गई। अदालत में पुष्पेंद्र यादव, पुत्तन सिंह, श्याम मोहन उर्फ गईया, रामतीरथ, भाय सिंह निवासीगण कुंआडांडा पर हत्या करने के आरोप का मुकदमा चलाया गया। न्यायाधीश ने पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्य का अवलोकन किया। डीजीसी अनिल कुमार सिंह राठौर व बचाव पक्ष के अधिवक्ताओं की दलीलों को सुनने के पश्चात सभी को दोषी पाते हुए उन्हें सजा सुनाई है।