गोल्डनकार्ड बनाने में आइडी, पासवर्ड का रोड़ा
जिले में आयुष्मान भारत योजना के तहत पात्रों के गोल्डन कार्ड बनाने में आइडी व पासवर्ड का पेच फंस रहा है। पिछले दिनों डाटाएंट्री आपरेटरों के हटाए जाने के बाद आठ ब्लॉकों की आइडी व पासवर्ड बदले गए हैं। लखनऊ से नई आइडी व पासवर्ड न आने के कारण यह योजना काफी धीमी गति से चल रही है। हालांकि जिम्मेदारों का कहना है कि आयुष्मान मित्रों की भर्ती प्रक्रिया पूरी होने समेत नई आइडी बनने के बाद ही योजना को गति मिल जाएगी।
जागरण संवाददाता, बदायूं : जिले में आयुष्मान भारत योजना के तहत पात्रों के गोल्डन कार्ड बनाने में आइडी व पासवर्ड का पेच फंस रहा है। पिछले दिनों डाटाएंट्री आपरेटरों के हटाए जाने के बाद आठ ब्लॉकों की आइडी व पासवर्ड बदले गए हैं। लखनऊ से नई आइडी व पासवर्ड न आने के कारण यह योजना काफी धीमी गति से चल रही है। हालांकि जिम्मेदारों का कहना है कि आयुष्मान मित्रों की भर्ती प्रक्रिया पूरी होने समेत नई आइडी बनने के बाद ही योजना को गति मिल जाएगी।
जिले में एक लाख 87 हजार 509 लोगों के गोल्डन कार्ड बनाए जाने का लक्ष्य मिला है।यह लोग 47 हजार 104 परिवारों के हैं। इन सभी को पांच लाख रुपये तक का निश्शुल्क इलाज कराने के लिए गोल्डन कार्ड बनाए जाना है। शुरूआत से ही बदायूं इस अभियान में पिछड़ा रहा। कहीं एमओआइसी स्तर से लापरवाही उजागर हुई तो कहीं आयुष्मान मित्रों की भर्ती प्रक्रिया धीमी रही। इधर, पिछले दिनों गोपनीय तरीके से हुई डाटा एंट्री आपरेटरों समेत अन्य कर्मचारियों की की भर्ती का खुलासा हुआ तो सीएमओ ने सभी को बाहर का रास्ता दिखा दिया। कुल मिलाकर किसी न किसी बहाने योजना को पलीता लगता रहा है।
इधर, काफी प्रयास के बाद अभी तक एक लाख सात हजार 408 पात्रों को इस योजना का लाभ मिल चुका है। जबकि बाकी के पात्रों को तलाशकर उनके कार्ड बनाने में यह दिक्कत आ रही है कि आठ ब्लाकों पर नई आइडी व पासवर्ड नहीं मिल सके हैं। वर्जन ::
गोल्डन कार्ड बनाने का काम जल्द तेज हो जाएगा। निर्धारित लक्ष्य तक पहुंचने की कोशिश जारी है। नई आइडी व पासवर्ड मिलते ही बड़े स्तर पर अभियान चलाकर पात्रों को यह सुविधा दी जाएगी।
- डॉ. अनिल शर्मा, एसीएमओ
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