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मेडिकल कॉलेज व फोरलेन में घोटाले का अंदेशा

तत्कालीन सपा सरकार में बने राजकीय मेडिकल कॉलेज और बदायूं-बरेली फोरलेन में घोटाले का अंदेशा है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 04 Oct 2018 11:51 PM (IST)Updated: Thu, 04 Oct 2018 11:51 PM (IST)
मेडिकल कॉलेज व फोरलेन में घोटाले का अंदेशा
मेडिकल कॉलेज व फोरलेन में घोटाले का अंदेशा

बदायूं : तत्कालीन सपा सरकार में बने राजकीय मेडिकल कॉलेज और बदायूं-बरेली फोरलेन में घोटाले का अंदेशा जताया गया है। शिकायत मिलने पर केंद्र सरकार ने दोनों मामलों में जांच बैठा दी है। जल्द ही केंद्रीय टीम जांच करने बदायूं आएगी। क्षेत्र के ही ¨हदूवादी नेता सिमरन गुप्ता ने कॉलेज की बिल्डिंग और फोरलेन निर्माण में लगी सामग्री की गुणवत्ता पर सवाल उठाते हुए गड़बड़झाला होने की बात कहते हुए प्रधानमंत्री और गृह मंत्री से शिकायत की। कहा कि पिछले महीने बीस करोड़ के बजट से आने वाले यंत्र भी गायब हो गए। गंभीर आरोप लगाते हुए किसी रिटायर्ड जज और डीएम को भी जांच कमेटी में शामिल करने की मांग की है। इस पर भारत सरकार ने गंभीरता दिखाई।

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सपा सरकार में बरेली-आगरा फोरलेन प्रस्तावित हुआ। सदर तहसील क्षेत्र के गांव गुनौरा बाजिदपुर पर राजकीय मेडिकल कॉलेज भी मंजूर हुआ। फोरलेन की जगह बरेली से बदायूं तक टू लेन बना तो मेडिकल कॉलेज की बि¨ल्डग बनने के बाद कई वार्डो की छत टपकने की शिकायतें सामने आने लगीं। राजकीय मेडिकल कॉलेज के नाम पर किसानों से खरीदी गई जमीन पर भी शर्तें पूरी न होने के आरोप किसानों ने लगाए थे। किसानों ने मुआवजा न मिलने के साथ ही हर परिवार से किए गए नौकरी के वादों को पूरा न करने पर बदायूं में आंदोलन भी किया था। भाजपा सरकार आने के बाद किसानों ने आंदोलन शुरू किया तो मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने उनकी मांगें पूरी करने का भरोसा दिलाते हुए आंदोलन स्थगित करा दिया। फोरलेन और मेडिकल कॉलेज में अभी काफी कार्य होने हैं, इसी बीच ¨हदूवादी नेता सिमरन गुप्ता ने दोनों ही विकास कार्यों में घोटाला होने का अंदेशा होने का आरोप लगाते हुए प्रधानमंत्री और केंद्रीय गृह मंत्री से शिकायत की। उन्होंने कहा है कि मेडिकल कॉलेज का ठेका सपा के ही एक करीबी ठेकेदार को दिया गया। फोरलेन के नाम पर टू लेन बनाकर बजट निकाल लिया गया। जो भी विकास कार्य हुए हैं वह मानक से विपरीत हैं। सामग्री की गुणवत्ता काफी खराब है। करोड़ों के आधुनिक यंत्रों के गायब होने के साथ ही टेंडर प्रकिया की भी जांच की मांग की। उनकी शिकायत पर केंद्र सरकार ने जांच के आदेश दिए हैं।


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