आजादी के बाद से नहीं बदलीं गई विद्युत लाइनें
आजादी के बाद से बदायूं जिले में जर्जर लाइनें नहीं बदली गई हैं।
बदायूं : जिले में आजादी के बाद से अभी तक विद्युत लाइनें नहीं बदली गई हैं। एचटी और एलटी लाइनें जर्जर हालत में पहुंच चुकी हैं जिनकी वजह से आए दिन हादसे होते रहते हैं। गर्मी के सीजन में मामूली हवा के झोके में लाइनों के टकराने से उठने वाली चिगारी से हजारों बीघा गेहूं की फसल आग की भेंट चढ़ जाती है। इससे तमाम किसान तबाह हो जाते हैं। यह जर्जर लाइनें अब चुनावी मुद्दा बनती जा रही हैं।
हर चुनावी सीजन में सियासी लोग जनता के बीच जाकर उनकी समस्याओं को सुनकर समाधान कराने का आश्वासन देते हैं। देहात इलाके में जर्जर विद्युत लाइनों के शिकार होने वाले लोग इन लाइनों को बदलवाने का वादा करते हैं। हाईटेंशन लाइन के बदलवाने के यह दावे चुनाव बाद खत्म हो जाते हैं। इन लाइनों से हर साल कई हादसे होते हैं तो गर्मी की सीजन में मामूली हवा के झोंके में यह लाइनें एक दूसरे से टकराती हैं तो इनकी चिगारी शोला बनकर लोगों पर गिरती है। सबसे ज्यादा गेहूं के किसानों को इससे नुकसान होता है। उनकी मेहनत को पल भर में इसकी आग स्वाह कर जाती है। हजारों बीघा गेहूं की फसल जलकर राख पल भर में राख हो जाती है और उन किसानों को मुआवजे के नाम पर कुछ नहीं दिया जाता। हर चुनाव में उठने वाला यह मुद्दा इस बार भी उठ रहा है, लेकिन सियासी लोगों के वादों पर कोई भरोसा नहीं कर रहा है।