जवाबदेही से बचने के लिए दारोगा ने डकैती को चोरी में बदला
मूसाझाग थाना विवादों से घिरा हुआ है। डकैती केस में पुलिस की मनमानी देखने को मिली।
बदायूं : विवादों से घिरे मूसाझाग थाने के माहौल का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि डकैती की घटना को चोरी में बदल दिया गया। दारोगा शिवराज ¨सह शिक्षक की तरह इमला बोल रहे थे और डकैती की घटना का पीड़ित बुजुर्ग आनंदपाल एक छात्र की तरह तहरीर लिख रहा था। वजह थी कि डकैती की तहरीर देखने के बाद पुलिस सकपका गई। ऐसे में चोरी की धाराओं में मुकदमा लिखकर अफसरों की रोजाना जवाबदेही से बचने के लिए नई योजना बना डाली। पहले से ही डकैतों से लुटा-पिटे पीड़ित के उत्पीड़न में जो कमी रही उसे पुलिस ने पूरा कर दिया। दबाव बनाते हुए चोरी की तहरीर लिखवाकर मुकदमा भी दर्ज कर लिया।
रात को ढाई बजे जिस शख्स के घर डकैत घुसे और सरिया से पीटकर उसे जख्मी करने के साथ ही मालजेवर लूटा। वह इसी उम्मीद से थाने पहुंचा कि पुलिस हमदर्द बनकर उसकी आपबीती सुनने के साथ डकैतों को जल्द से जल्द पकड़ेगी और लूटा गया माल वापस दिलाएगी। इन उम्मीदों को विवादित एसओ मूसाझाग जेपी ¨सह ने उस वक्त झटका दे डाला, जब तहरीर देखकर खुद एसओ के चेहरे पर बौखलाहट आ गई। वो समझ गए कि डकैती की घटना हुई है तो जाहिर है कि कागजों में चल रही पेट्रो¨लग की कलई अब खुल जाएगी। ऐसे में पुलि¨सग का स्तर गिराते हुए आनन-फानन में यह फरमान जारी कर दिया कि चोरी की तहरीर लिखवाई जाए और उसे तत्काल रिकार्ड में दर्ज कर लें, ताकि अगर पीड़ित अफसरों के पास भी पहुंचे तो यही कहकर बचा जाए कि जब डकैती पड़ी थी तो चोरी की तहरीर क्यों दी। अफसरों को भी गुमराह किया जाए कि कुछ लोगों के बहकावे में आकर पीड़ित घटना को बदल रहा है। रविवार को ही आई थी बेटी
आनंदपाल की शादी नहीं हुई है, उन्होंने अपने भाई संजीव की बेटी पूनम व एक बेटा दिव्यांश को गोद लिया है। जुलाई में ही पूनम की शादी की थी। रविवार को वह मायके घूमने दिल्ली से यहां पहुंची थी। उसी के दो जोड़े झाले, कुंडल व सोने की चेन समेत अन्य जेवरात लूटे गए।
नहीं कराया मेडिकोलीगल
डकैतों की पिटाई से आनंदपाल की आंख में चोट लगी है। साथ ही गर्दन पर भी सरिया मारने के निशान हैं लेकिन पुलिस ने उसका मेडिकोलीगल इसलिए नहीं कराया, क्योंकि उसमें चोट स्पष्ट हो जाती।