पिलर ने रोका इमरजेंसी वार्ड का रास्ता, कटवाए जाएंगे
जिला अस्पताल का नया इमरजेंसी वार्ड करीब-करीब तैयार हो गया लेकिन चालू होने में फिर पेच फंस गया।
बदायूं : जिला अस्पताल का नया इमरजेंसी वार्ड तैयार हो चुका है। मरम्मत का काम निर्माणदायी संस्था ने पूरा कर लिया है। वहीं अब सर्जीकल वार्ड के सामने लगे पिलर इमरजेंसी शुरू होने में पेच फंसा रहे हैं। वजह है कि जब तक पोल लगे रहेंगे, वहां एंबुलेंस नहीं पहुंच सकेगी। ऐसे में अब इन पोल को कटवाया जाएगा और उन पर टिका छज्जा भी हटेगा।
जिला अस्पताल के उच्चीकरण के तहत यहां नया इमरजेंसी वार्ड के अलावा आपरेशन थियेटर और रसोईघर बनाए गए थे। साल 2014 में काम शुरू हुआ और 2016 में सभी भवन बनकर तैयार हो गए। हैंडओवर की प्रक्रिया होने ही वाली थी कि बारिश हुई और नया इमरजेंसी वार्ड की छत टपकने लगी। चंद दिनों में ही दीवारों में दरारें भी पड़ गई। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग ने इसे लेने से इन्कार कर दिया। तय हुआ कि खामियों को निर्माणदायी संस्था दूर करेगी, इसके बाद ही इमरजेंसी नई बिल्डिग में शिफ्ट होगी। दो साल बाद कई बार रिमाइंडर भेजने पर संस्था ने पिछले महीने यहां पहुंचकर खामियां दूर करना शुरू कर दी हैं। यह काम अब अंतिम पड़ाव पर पहुंच चुका है। जबकि अब यहां गेट पर लगे पिलर इमरजेंसी शुरू होने में बाधक बने हैं। इन पिलर के खड़े रहते एंबुलेंस इमरजेंसी के गेट तक नहीं पहुंच सकेगी। जबकि गंभीर मरीजों को इमरजेंसी के गेट पर उतारने का प्रावधान है। ऐसे में इन पिलर और उन पर पड़े छज्जे को काटने पर विचार किया जा रहा है। वहीं पुरानी इमरजेंसी में मरीजों को भर्ती की सुविधा शुरू की जाएगी। ये हैं सुविधाएं
नए इमरजेंसी वार्ड में एक साथ 30 मरीजों का इलाज किया जा सकता है। वहीं 60 से ज्यादा मरीजों को भर्ती रखकर उनकी देखभाल की जा सकती है। वहीं सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं। ताकि मरीजों समेत स्टाफ की गतिविधियों पर नजर रखी जा सके। जबकि पुराने वार्ड में केवल तीन मरीजों का इलाज ही एक बार में संभव होता है। वर्जन
पिलर काटे बगैर इमरजेंसी शुरू नहीं की जा सकती। पिलर पर ही छज्जे भी टिके हुए हैं। उन्हें भी कटवाया जाएगा। तभी वहां एंबुलेंस आसानी से पहुंच सकेगी। इसी सप्ताह पिलर भी कटवाए जाएंगे।
डॉ. बीबी पुष्कर, सीएमएस जिला अस्पताल