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तीन दिन बंद रहे धान क्रय केंद्र, बाजार में लुटे अन्नदाता

अक्टूबर की शुरूआत में ही जिले के सभी धान क्रय केंद्र खोल दिए गए। उस वक्त कटाई चालू थी इसलिए करीब 15 दिनों तक सेंटर पूरी तरह सूने पड़े रहे। किसान वहां धान लेकर नहीं पहुंचे तो जिम्मेदारों को चिता सताने लगी। दिवाली करीब आते ही छह दिन पहले से ही किसान सेंटरों पर पहुंचे तो सभी सेंटरों पर लक्ष्य के हिसाब से अच्छी खरीद का आंकलन किया गया। खरीद अच्छी होने पर दावा किया गया कि इस बार दिवाली पर किसी किसान को परेशानी नहीं होगी। उनका त्योहार अच्छा रहे इसलिए भुगतान भी दिवाली से पहले ही कर दिया जाएगा।

By JagranEdited By: Published: Wed, 30 Oct 2019 12:45 AM (IST)Updated: Thu, 31 Oct 2019 06:26 AM (IST)
तीन दिन बंद रहे धान क्रय केंद्र, बाजार में लुटे अन्नदाता
तीन दिन बंद रहे धान क्रय केंद्र, बाजार में लुटे अन्नदाता

जागरण संवाददाता, बदायूं : अक्टूबर की शुरूआत में ही जिले के सभी धान क्रय केंद्र खोल दिए गए। उस वक्त कटाई चालू थी, इसलिए करीब 15 दिनों तक सेंटर पूरी तरह सूने पड़े रहे। किसान वहां धान लेकर नहीं पहुंचे तो जिम्मेदारों को चिता सताने लगी। दिवाली करीब आते ही छह दिन पहले से ही किसान सेंटरों पर पहुंचे तो सभी सेंटरों पर लक्ष्य के हिसाब से अच्छी खरीद का आंकलन किया गया। खरीद अच्छी होने पर दावा किया गया कि इस बार दिवाली पर किसी किसान को परेशानी नहीं होगी। उनका त्योहार अच्छा रहे, इसलिए भुगतान भी दिवाली से पहले ही कर दिया जाएगा। सभी सेंटर संचालक और प्रभारियों को निर्देश जारी किए गए कि वह रोजाना केंद्र खोलेंगे, लेकिन दिवाली के ऐन वक्त पर तीन दिन के लिए सभी ने सरकारी छुट्टी मनाई तो केंद्र बंद पड़े रहे। इसका फायदा सीधे तौर पर माफिया और बिचौलियों ने उठाया। उन्होंने अपनी आढ़तों पर किसानों की जरूरत समझते हुए मनमाने रेट पर धान खरीदा। दिवाली और भैया दूज का त्योहार मनाने के लिए अधिकांश किसानों को पैसे की जरूरत थी, इसलिए मजबूरी में उन्हें 15 सौ से 16 सौ के बीच धान बेचना पड़ा। हैरत की बात तो यह है कि धान की आवक बढ़ने के बाद भी त्योहारी सीजन में तीन दिन तक केंद्र बंद रहे और जिम्मेदारों ने कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की। इसका खामियाजा सीधे तौर पर किसानों को उठाना पड़ा।

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25 अक्टूबर तक हुई 1154 एमटी धान खरीद

जिले सभी 37 धान क्रय केंद्रों पर खरीद शुरू होने से पहले ही वारदाना, छलना, कांटा आदि उपकरण भेज दिए गए थे। महज छह दिन में ही सभी सेंटरों पर जो खरीद हुई वह रिकॉर्डतोड़ थी। तीन दिन तक सेंटर बंद रहे। उससे पहले 25 अक्टूबर की शाम तक 1154 एमटी धान की खरीद की गई। किसानों का कहना है कि इन तीन दिनों में किसान सबसे ज्यादा धान बेचता, इसलिए इन दिनों में कोई वैकल्पिक व्यवस्था करनी थी। मगर, ऐसा नहीं हुआ। इसका असर लक्ष्य पर भी पड़ेगा।

फैक्ट फाइल

- जिले के कुल धान क्रय केंद्र : 37

- सहकारी क्रय केंद्रों पर निर्धारित रेट : 1815 मोटा धान, ए ग्रेड का धान 1835

- अब तक सभी केंद्रों पर हुई खरीद : 1154 एमटी

क्या कहते हैं किसान

फोटो 29 बीडीएन- 86

किसान को सबसे ज्यादा पैसे की जरूरत होली, दिवाली पर होती है। ऐसे में उनकी फसल की सही खरीद कराने के लिए प्रशासन को भी अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए। दिवाली से पहले ही केंद्र बंद कर दिए गए। इसका असर किसानों पर पड़ा है। उनका धान मनमाने रेट पर बिचौलिये और माफिया खरीद रहे हैं।

- रजनीश, किसान फोटो 29 बीडीएन- 88

किसानों की समस्याएं दूर करने का दावा किया जाता है, लेकिन धरातल पर कोई काम नहीं होता। मौजूदा वक्त में धान के किसानों को जमकर परेशानी हो रही है। उनका धान माफिया और बिचौलिया बाजार में मनमाने तरीके से खरीद रहे हैं। त्योहार की वजह से किसानों भी परेशान हैं।

- प्रवीण गुप्ता, किसान वर्जन ..

सभी क्रय केंद्रों पर अच्छी खरीद की जा रही है। सरकारी छुट्टियों की वजह से सेंटर बंद रहे। किसानों को कोई परेशानी नहीं होने दी जाएगी। किसी सेंटर पर कोई किसान परेशान होता है, तो वहां के केंद्र प्रभारी को जेल भेजने की चेतावनी जारी की जा चुकी है। सभी सेंटरों की हम मॉनीटरिग कर रहे हैं, इस बार लक्ष्य समय से पहले ही पूरा कर दिया जाएगा।

- नरेंद्र बहादुर सिंह, एडीएम एफआर


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