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नेताओं के प्रति ग्रामीणों में आक्रोश, सड़क न बनने पर नोटा का बटन दबाने की चेतावनी

शेखूपुर क्षेत्र के एक गांव के ग्रामीणों में नेताओं के प्रति आक्रोश है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 20 Apr 2019 12:20 AM (IST)Updated: Sat, 20 Apr 2019 12:20 AM (IST)
नेताओं के प्रति ग्रामीणों में आक्रोश, सड़क न बनने पर नोटा का बटन दबाने की चेतावनी
नेताओं के प्रति ग्रामीणों में आक्रोश, सड़क न बनने पर नोटा का बटन दबाने की चेतावनी

शेखूपुर : हर वार वायदा करके नेता चले जाते हैं, फिर मुड़कर नहीं देखते। शेखूपुर गांव में 11 हजार के करीब वोटर हैं जो पिछले तीन दशक से विकास के नाम देते रहें हैं। इसके बाद सड़क तक दुरुस्त नहीं हो सकी है। ग्रामीणों का कहना है कि गांव का विकास की बात नहीं हुई तो मतदान के दिन नोटा का बटन दबाएंगे। प्रशासन एक ओर शत प्रतिशत मतदान के लिए जुटा हुआ है, लेकिन शेखूपुर के लोगों में आक्रोश है। यहां के रोड को देखने से ही लगता है कि यह गांव विकास के मामले में अन्य गांवों की तुलना में काफी पिछड़ा हुआ है। उझानी ब्लाक में जनसंख्या में सबसे बडा गांव है। इसकी जनसंख्या पैतीस हजार के पर हैं लेकिन अफसोस की बात यह है कि यह गांव अभी भी विकास के नाम पर काफी पिछड़ा हुआ है। इस बार ग्रामीणों का कहना है कि नेता हर बार विकास के नाम पर वोट लेकर चले जाते है। फिर पांच साल तक मुड़कर भी नहीं देखते। पिछले दस सालों से मीरा सराय से शेखूपुर को जाने वाले रोड में जगह जगह गड्ढे हो चुके है सड़क टूटी होने के कारण आये दिन कोई न कोई हादसा होता रहता है। इस बार ग्रामीणों का कहना है कि रोड नही तो वोट नहीं ।

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---------------- लोगों की बात फोटो 19 बीडीएन - 52

जो भी नेता आया यहां विकास के नाम पर वोट लेकर चला गया। जीतने के बाद उसने शेखूपुर की तरफ मुड़ कर भी नहीं देखा। इतनी बडी ग्राम पंचायत उसमें विकास के लाले पडे है। पिछले तीस सालों से विकास के नाम पर लोगों से वोट तो ले लिया लेकिन विकास नहीं कराया गया। इस बार वोट न डालने की ठानी है। - आजम खान

फोटो 19 बीडीएन - 53

मौजूदा सांसद को पूरे पांच साल बीत गये लेकिन शेखूपुर की ओर तो देखा ही नहीं है सडक में बडे बडे गड्ढे है लोगों को रोड से निकलना काफी परेषानी भरा होता है। इस बार वोट उसी को देना है। जो हमारे गांव के विकास की बात करेगा। - पन्नालाल फोटो 19 बीडीएन - 54

- पिछले दस सालों से शेखूपुर मीरा सराय रोड टूटा पडा है। आज तक किसी नेता ने इस ओर ध्यान नहीं दिया है। और वोट मांगने गांव मेंआ रहे है। इस बार हमने मन में ठान लिया है। कि अगर हमारे गांव का रोड नहीं बना तो हम वोट नहीं डालेंगे। - शफी अहमद फोटो 19 बीडीएन - 55

गांव के पंद्रह वार्डो में ग्यारह हजार के लगभग वोटर है, लेकिन इस गांव में सफाई के नाम पर मात्र दो ही सफाई कर्मी तैनात है। गांव में स्वच्छ पेयजल पूर्ति के लिए एक टंकी बनाई गई थी। गांव में आज भी अधिकांश घर ऐसे है जहां पानी की सप्लाई नहीं पहुंच पाती है।

- मुन्ने कुरेशी


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