हे मां, तूने मुझे क्यों त्यागा, तू भी तो बेटी है
यहां सरकारी अस्पताल के पास एक चाय के खोखे पर दुपट्टे में लिपटी नवजात बच्ची मिली है।
सैदपुर : यहां सरकारी अस्पताल के पास एक चाय के खोखे पर दुपट्टे में लिपटी नवजात बच्ची को जिसने भी टंगा देखा, उसके होश उड़ गए। हर कोई उस महिला को कोस रहा था, जिसने उसे जन्म देकर मरने के लिए फेंक दिया। वहीं, जब नवजात बच्ची ऊआं-ऊआं कर रो रही थी, तब ऐसा लग रहा, जैसे वह उस मां से यह कह रही हो, हे मां, तूने मुझे क्यों त्यागा, तू भी तो बेटी है। मेरा क्या कसूर। बाद में बच्ची को अस्पताल में भर्ती कराया गया। तत्काल उपचार कर उसे बचा लिया गया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जहां देशभर में बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ के अभियान को साकार करने के लिए महिलाओं को जागरूक करने संबंधी अभियान चलवा रहे हैं, लेकिन कुछ महिलाएं आज भी पुत्र के लिए कन्याओं को त्यागना नहीं छोड़ रहीं। इन्हीं में से एक महिला वो भी है, जिसने जन्म देने के बाद नवजात बच्ची को कस्बा के सरकारी अस्पताल के पास एक चाय के खोखे पर टांग दिया। नवजात का केवल इतना कसूर था कि वह एक कन्या थी। यह दिल दहलाने वाली घटना रविवार की रात 12 बजे की है। कस्बा के हेतराम अपने दोस्त के साथ दवा लेने के लिए सरकारी अस्पताल आए थे। जहां अस्पताल गेट के पास चाय के खोखे से एक बच्ची के रोने की आवाज सुनाई दी तो इसकी जानकारी अस्पताल में मौजूद लोगों को भी हुई। जिस पर लोग मौके पर आ गए, तब देखा कि दुपट्टे में लिपटी हुई एक कन्या रो रही है। लोगों ने उसे गोद में उठा लिया। आनन-फानन में अस्पताल में भर्ती कराया। डॉक्टर व स्टाफ ने उसका उपचार शुरू कर उसकी जान बचाई। जानकारी मिलते ही डॉयल 100 व थाना पुलिस भी मौके पर आ गई। हालत गंभीर देखते हुए उसे जिला अस्पताल रेफर किया गया। एमओआइसी डॉ.फिरासत हुसैन ने बताया कि बच्ची काफी गंभीर थी। काफी कोशिश कर बच्ची को बचाया गया।