प्राइमरी स्कूल में चल रही नर्सरी की क्लास
गांव मदनजुड़ी के प्राइमरी स्कूल में पिछले 12 साल से नर्सरी क्लास चल रही है। नन्हीं-नन्हीं उंगलियां एबीसीडी लिखती हैं।
संस, बिसौली : गांव मदनजुड़ी के प्राइमरी स्कूल में पिछले 12 साल से नर्सरी क्लास चल रही है। नन्हीं-नन्हीं उंगलियां एबीसीडी लिखती हैं। वहीं पर तोतली जुबान में गिनती और पहाड़े सुनाए जाते हैं। बिना नामांकन के भी बच्चों को एमडीएम भी खिलाया जाता है। नगर से मात्र दो किमी दूर स्थित गांव मदनजुड़ी में चल रहा प्राइमरी स्कूल अब कांवेंट स्कूल की तर्ज पर चल रहा है। पिछले 12 सालों से इस स्कूल में नर्सरी क्लास चल रही हैं। गांव के पांच साल से कम उम्र के बच्चों को इस स्कूल में अक्षर ज्ञान कराया जाता है। इतना ही नहीं बच्चों को एबीसीडी भी सिखाई जाती है। कुछ बच्चे तो इतने होशियार हैं कि शिक्षक द्वारा दिया गया होमवर्क भी क्लास में ही पूरा कर लेते हैं। इसके साथ ही छोटे-छोटे हिदी और अंग्रेजी के अक्षर भी नन्हीं-नन्हीं उंगलियां पूरी तेजी के साथ लिख लेती हैं। बच्चों को सौ तक गिनती और 10 तक पहाड़े याद हैं। बताते हैं कि पांच वर्ष की उम्र पूरी होने पर अभिभावकों को बुलाकर कक्षा एक में प्रवेश ले लिया जाता है। सरकारी स्कूल में पढाई का अच्छा स्तर होने के कारण गांव के बच्चे कांवेंट स्कूल में पढ़ने नहीं जाते हैं। सबसे बड़ी बात तो यह है कि इन बच्चों को बिना नामांकन के भी एमडीएम दिया जाता है। बीडीओ राघवेंद्र सिंह और एडीओ अंकुर पाराशरी ने इन बच्चों से गिनती और पहाड़े सुनें। तोतली जुबान को सब कुछ याद था। वर्जन ::
छोटे बच्चों का पढाई में बहुत मन लगता है। कुछ बच्चे तो बहुत होशियार हैं। नन्हें मुन्नों को पढ़ाने में बहुत अच्छा लगता है।
- अनुज शर्मा, प्रधानाध्यापक