ठेले खोमचे वाले भी बढ़ाएंगे सरकार का राजस्व
जेएनएन बदायूं अब तक शहर से लेकर देहात तक किराना स्टोर मेडिकल स्टोर समेत बड़े दुका
जेएनएन, बदायूं: अब तक शहर से लेकर देहात तक किराना स्टोर, मेडिकल स्टोर समेत बड़े दुकानदारों को ही पंजीकरण कराना होता था तो लाइसेंस फीस से सरकार के राजस्व को फायदा मिलता था। जिला औषधि एवं खाद्य सुरक्षा विभाग को इनके पंजीकरण कराने का जिम्मा सौंपा गया था। बगैर रजिस्ट्रेशन दुकानदारों के खिलाफ कार्रवाई का प्रावधान भी तय किया गया था। ताकि सभी दुकानदार अपनी दुकानों का रजिस्ट्रेशन करवा लें, लेकिन छोटे दुकानदार और ठेले, खोमचे वाले रजिस्ट्रेशन नहीं कराते थे। विभाग भी इस ओर ज्यादा ध्यान नहीं दे रहा था। लॉकडाउन में जब ऐसे लोग फल, सब्जी बेचने की बात कहते हुए रजिस्ट्रेशन कराने विभाग के पास पहुंचे तो पता चला कि हजारों की संख्या ऐसे दुकानदार हैं जिनका रजिस्ट्रेशन ही नहीं है। इसको ध्यान में रखते हुए विभाग ने अब फल और सब्जी के ठेले लगाने वालों को भी अपना पंजीकरण अनिवार्य कर दिया। अब ठेले, खोमचे या फिर छोटे किराना व्यापारी तभी खाद्य सामग्री बेच सकते हैं जब उनके पास विभाग का रजिस्ट्रेशन होगा। बगैर रजिस्ट्रेशन के कोई भी खाद्य सामग्री बेचता मिला तो उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जाएगा। अभियान चलाकर कराए जाएंगे रजिस्ट्रेशन
खाद्य सुरक्षा विभाग अब बगैर रजिस्ट्रेशन के दुकानें खोलने, ठेले, खोमचे लगाने वालों के खिलाफ अभियान छेड़ेगा। ऐसे लोगों को रजिस्ट्रेशन कराने के लिए प्रेरित किया जाएगा और कानून भी समझाया जाएगा। ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया विभाग की ओर से शुरू कर दी गई है। ऑनलाइन आवेदन करने के बाद तय शुल्क जमा करने पर संबंधित दुकानदार को रजिस्ट्रेशन नंबर जारी कर दिया जाएगा। उसमें सभी शर्तों को भी दर्ज किया जाएगा कि कौन सा दुकानदार क्या वस्तु बेच सकता है। अभियान का जिम्मा मुख्य खाद्य निरीक्षक धनंजय कुमार शुक्ला को सौंपा गया है। उनके निर्देशन में ही सभी टीमें काम करेंगी।
अब तक छोटे दुकानदार, ठेले, खोमचे वाले विभाग में अपना पंजीकरण नहीं कराते थे, वह इस तरह से सरकारी राजस्व चोरी कर रहे थे। अब सभी को पंजीकरण कराना अनिवार्य किया गया है। इसके लिए विभाग की ओर से अभियान भी शुरू किया जा रहा है।
- चंद्रशेखर मिश्रा, जिला अभिहीत अधिकारी