ड्यूटी पर नहीं सताएगी बच्चे की फिक्र, ख्याल रखेंगे पालना गृह
वर्दी के दायित्व में महिला पुलिसकर्मियों को अपने नौनिहालों की चिंता नहीं सताएगी।
बदायूं : वर्दी के दायित्व में महिला पुलिसकर्मियों को अपने नौनिहालों की चिंता नहीं सताएगी। उनके बच्चों का ख्याल रखेगा पुलिस लाइन में बना शिशु पालना गृह। तीन साल तक के बच्चों को छोड़कर वह बेफिक्र होकर ड्यूटी पर जा सकेंगी। बच्चों को खेलने, सोने, भोजन से लेकर खेल-खेल में पढ़ाई की सुविधा मिलेगी।
मॉर्डन स्कूल में खुला पालना गृह
पुलिस लाइन में कई ऐसी महिला पुलिसकर्मी हैं, जिनके बच्चे की उम्र तीन साल से कम है। ऐसे में बच्चे को साथ रखकर दायित्व निभाना न आसान है और न ही नियम, अनुशासन में इसकी छूट है। घर में भी पति के नौकरीपेशा होने पर बच्चे के देखभाल की फिक्र रहती थी। एसएसपी ने इस समस्या को निवारण के लिए पहल की। मॉडर्न स्कूल में पालना गृह बनवाया गया है।
बड़े बच्चों का नर्सरी में दाखिला
तीन साल से अधिक उम्र के बच्चों का नर्सरी में दाखिला कराया जा रहा है। मॉडर्न स्कूल के प्रधानाचार्य शैलेंद्र बत्रा और उनके स्टाफ को इसकी जिम्मेदारी दी गई है। शाम चार बजे स्कूल बंद होने के बाद यह बच्चे मां के लौटने तक पालना गृह में रहेंगे। यह हैं सुविधाएं
-बच्चों के खेलने के लिए टेडीबियर से लेकर खिलौने
-पजल्स वाले खिलौने और खेल-खेल में सीखने की व्यवस्था
-सीसीटीवी कैमरों की निगरानी में रहेंगे बच्चे और कर्मचारी
-बच्चों के सोने के लिए पालना, छोटे बेड बनवाए गए
-दो आया तैनात, सुबह आठ से दोपहर दो और दूसरी की रात आठ बजे तक ड्यूटी
-बीमार या किसी बच्चे का इलाज चल रहा है तो स्टाफ मां की तरफ से दी गई दवा तय समय व खुराक पर देगा
-दवा कैमरे के सामने खिलाने के निर्देश, ताकि दायित्व और बच्चे के स्वास्थ्य में लापरवाही न हो
-फिलहाल 10 से 15 बच्चों को रखने की सुविधा, बाद में बढ़ाई जाएगी वर्जन
फोटो - 5
महिला पुलिसकर्मी पूरे मनोयोग से ड्यूटी कर सकें, इसके लिए यह व्यवस्था की गई है। अतिरिक्त स्टाफ भी जल्द लगाया जाएगा। सीसीटीवी कैमरों की निगरानी रहेगी, ताकि उनके साथ कोई मारपीट या लापरवाही की गुंजाइश न हो।
- अशोक कुमार, एसएसपी