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गन्ना किसानों की सुनने वाला कोई नहीं

जिले में गन्ना किसानों पर माफिया और बिचौलिया पूरी तरह से हावी हो चुके हैं। किसान सरकारी मूल्य पाने के लिए सेंटर पर गन्ना लेकर पहुंचता है तो उसके गन्ने की तौल नहीं की जाती। इसकी शिकायत करने पर भी कोई सुनने को तैयार नहीं है। चीनी मिल प्रबंधन से साठगांठ के चलते जिम्मेदार अधिकारी कार्रवाई करने को तैयार नहीं हो रहे हैं। इससे पूरे सिस्टम पर ही सवाल खड़े होने लगे हैं।

By JagranEdited By: Published: Mon, 09 Dec 2019 12:18 AM (IST)Updated: Mon, 09 Dec 2019 12:18 AM (IST)
गन्ना किसानों की सुनने वाला कोई नहीं
गन्ना किसानों की सुनने वाला कोई नहीं

जागरण संवाददाता, बदायूं : जिले में गन्ना किसानों पर माफिया और बिचौलिया पूरी तरह से हावी हो चुके हैं। किसान सरकारी मूल्य पाने के लिए सेंटर पर गन्ना लेकर पहुंचता है तो उसके गन्ने की तौल नहीं की जाती। इसकी शिकायत करने पर भी कोई सुनने को तैयार नहीं है। चीनी मिल प्रबंधन से साठगांठ के चलते जिम्मेदार अधिकारी कार्रवाई करने को तैयार नहीं हो रहे हैं। इससे पूरे सिस्टम पर ही सवाल खड़े होने लगे हैं। इस साल गन्ना किसानों को उनकी फसल का वाजिब मूल्य दिलाने के लिए प्रशासन ने दावा किया था कि पूरी खरीद पारदर्शिता के साथ गन्ना खरीद की जाएगी। गन्ने का सर्वे भी ऑनलाइन किया गया। इसके बाद सत्यापन किया गया तो पता चला कि सर्वे को सही ढंग से नहीं किया गया है। सत्यापन के बाद दोबारा से सट्टा कैलेंडर तैयार करते हुए दावा किया गया कि किसानों को इस बार समय से पहले पर्चियां पहुंच जाएंगीं, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। किसान अभी भी पर्चियों के लिए जद्दोजहद कर रहा है। हैरत की बात तो यह है कि जिन किसानों के पास पर्चियां पहुंची हैं उनका गन्ना भी सेंटरों पर नहीं लिया जा रहा है। किसान सेंटरों पर पहुंचता है तो वहां पर हावी माफिया और बिचौलिया के इशारों पर ही उनके गन्ने की तौल हो पाती है। चार-चार दिन तक लाइन में लगने वाला किसान थककर माफिया और बिचौलियों को ही औने-पौने दामों में गन्ना बेचता है। इंसेट ..

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बकाएदार यदु शुगर मिल प्रबंधन से हारे किसान

यदु शुगर मिल प्रबंधन से किसानों का बकाया दिलाने के लिए शासन से लेकर प्रशासन तक तमाम कार्रवाई कर रहा है, इसके बाद भी यदु मिल से उनका भुगतान नहीं हो पा रहा है। किसान अब पूरी तरह से इस तंत्र से हार चुके हैं। अब गन्ना खेतों से किस तरह से निकाला जाए इसके लिए भी किसान जद्दोजहद कर रहा है। .. तो और कम हो जाएगा गन्ने का रकबा

पिछले साल की अपेक्षा इस साल 33 फीसदी गन्ने का रकबा कम हुआ है। अब यदु शुगर मिल पर जिले भर के तमाम किसानों का करोड़ों रुपये बकाया है तो इस बार किसानों का कहना है कि वह गन्ने की फसल नहीं करेंगे। इससे गन्ने का रकबा और ज्यादा कम हो जाएगा। इस ओर अभी जिम्मेदार ध्यान नहीं दे रहे हैं। वर्जन ..

किसानों को गन्ने की तौल कराने में कोई दिक्कत नहीं होने दी जा रही है। सभी सेंटरों पर हम खुद छापेमारी कर रहे हैं। यदु शुगर मिल से बकाया दिलाने को डीएम के निर्देश पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जा रही है। किसानों को परेशान होने की जरूरत नहीं है उनका शत प्रतिशत गन्ना चीनी मिलों तक पहुंचेगा।

- रामकिशन, जिला गन्ना अधिकारी


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