जाने से कतराते कर्मचारी, खाने के पैकेट में सिमटी व्यवस्थाएं
जेएनएन बदायूं कोविड वार्ड में भर्ती कोरोना संक्रमितों की देखभाल बेहतर करने के लिए प्रशास
जेएनएन, बदायूं : कोविड वार्ड में भर्ती कोरोना संक्रमितों की देखभाल बेहतर करने के लिए प्रशासनिक अधिकारी भले ही पूरी शिद्दत के साथ जुटे हों, लेकिन कुछ कर्मचारी उस वार्ड में जाने से कतराते हैं। खाना या फिर पानी की बोतल देने के बाद वह कर्मचारी पलटकर पीछे नहीं देखते। चूंकि वहां पर कोई बाहरी व्यक्ति नहीं जा सकता इसलिए उस वार्ड में ताला डालकर ही रखा जाता है। वार्ड के अंदर किस तरह की सुविधाएं दी जा रही हैं इसके बारे में जिम्मेदार अधिकारी और कर्मचारियों के अलावा कोई भी वार्ड के अंदर की व्यवस्थाएं नहीं बता सकता।
कोरोना संक्रमितों की 24 घंटे देखभाल के लिए डॉक्टर और कर्मचारियों की ड्यूटी तय की गई है। कोरोना वार्ड में डॉक्टरों समेत 25 कर्मचारियों की टीम का गठन करते हुए उनको जिम्मा दिया गया है कि वह 14 दिन तक नियमित ड्यूटी करेंगे। हर टीम में चार डॉक्टर, चार फार्मासिस्ट, स्टाफ नर्स और कर्मचारी शामिल हैं। यह 14 दिन तक देखभाल करेंगे इसके बाद उन्हें किसी होटल में 14 दिन तक क्वारंटाइन किया जाएगा। उनकी जगह पर दूसरी टीम वहां आकर काम करेगी। 14 दिन के बाद तीसरी टीम भी आएगी। इस तरह से सभी टीमें एक के बाद एक 14 दिनों तक क्वारंटाइन भी होंगी तो कोरोना संक्रमितों का इलाज भी कर सकेंगी। इन वार्ड में जिन डॉक्टर या फिर स्टाफ की ड्यूटी है वह नियमित रूप से वहां जाते तो हैं, लेकिन कुछ ऐसे कर्मचारी हैं जो वार्ड के अंदर जाने से दहशत मानते हैं। ऐसे कर्मचारियों को अपना रवैया बदलने की जरूरत है। जिले में दो स्थानों पर है कोरोना केयर सेंटर
जिले में कोरोना संक्रमितों को रखे जाने के लिए दो सेंटर बनाए गए हैं। जिला अस्पताल में संदिग्धों को कोरोना वार्ड बनाया गया है तो इलाज के लिए बिनावर में कोविड एल वन अस्पताल तैयार है, जहां पर 30 मरीजों के रखने की क्षमता है। इस सेंटर में बरेली तक के मरीज भर्ती किए गए हैं। कोरोना संक्रमितों की बढ़ती संख्या को देखते हुए आसरा आवास में भी व्यवस्था की गई है। यहां पर 100 मरीज भर्ती किए जा सकते हैं।
कोरोना संक्रमितों की देखभाल के लिए बेहतर इंतजाम किए गए हैं। 25 लोगों की टीम संक्रमितों का इलाज करने को लगाई गई है। हम खुद सभी व्यवस्थाओं की मॉनीटरिग रोजाना कर रहे हैं। किसी को भी कोई शिकायत नहीं है।
- डॉ. यशपाल सिंह, सीएमओ