यहां कौन किसका माने आदेश, आधा जिला प्रभार पर
जिला बदायूं विकास कार्यों लगातार पिछड़ रहा है।
बदायूं : जिले में विकास कार्यों के साथ-साथ ओडीएफ पर भी पूरा जोर दिया जा रहा है। सरकार इसके लिए करोड़ों रुपये का बजट भी भेज रही है। ताकि जिला बदला-बदला दिखाई देने लगे, लेकिन यहां की व्यवस्था ही ऐसी है कि कोई किसी से कम अधिकार वाला नहीं है। आधा जिला यहां प्रभार पर ही चल रहा है। दो या तीन ब्लॉकों को छोड़ दें तो बाकी ब्लॉकों में बीडीओ ही नहीं हैं। वहां पर जिला स्तरीय अधिकारियों को ही तैनात किया गया है तो बीडीओ को जिला स्तरीय पदों पर प्रभार सौंप दिया गया है। इससे वह खुद की कलम से वरिष्ठ अधिकारियों तक को चेतावनी लिखते हैं तो कभी-कभी खुद पर भी कार्रवाई अपनी ही कलम से करते हैं। इससे विकास कार्य प्रभावित हो रहे हैं तो एक-एक अधिकारी पर तीन-तीन प्रभार होने से वह अपना कार्य भी बखूबी नहीं निभा पा रहे हैं। यहां शायद पहली बार ऐसा हुआ है कि जिले के वरिष्ठ अधिकारियों के पद भी प्रभार पर चल रहे हैं। डीएम, एडीएम, सीडीओ के अलावा अधिकांश पदों पर एक दूसरे को प्रभार सौंपा गया है। आधा जिला प्रभार पर पहुंचने की बात सभी जनप्रतिनिधियों को भी पता है, इसके बाद भी वह सरकार ने उन पदों पर अधिकारियों को तैनात करने की मांग नहीं कर रहे हैं।
प्रभारियों के भरोसे यह पद
- जिला विकास अधिकारी का प्रभार उपायुक्त मनरेगा रामसागर यादव पर है, इनपर वजीरगंज बीडीओ का भी अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है।
- मनरेगा उपायुक्त राम सागर यादव को डीपीआरओ का प्रभार है, इसके अलावा सालारपुर बीडीओ का भी चार्ज यही संभाल रहे हैं।
- सीडीपीओ प्रभात कुमार दास को डीपीओ का भी महत्वपूर्ण चार्ज सौंपा गया है।
- डीआइओएस राममूरत को जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी की भी जिम्मदेारी सौंपी गई है। जिले में जिन अधिकारियों के पद रिक्त चल रहे हैं उनकी जगह दूसरे अधिकारियों को प्रभार देकर काम चलाया जा रहा है, ताकि कार्य प्रभावित न होने पाए। शासन से रिक्त पदों पर नियुक्ति होते ही समस्या का निदान हो जाएगा।
- दिनेश कुमार ¨सह, जिलाधिकारी