हत्या के मामले में दो भाइयों समेत तीन को उम्रकैद
कोर्ट ने हत्या के बाद साक्ष्य नष्ट करने के मामले में दो सगे भाइयों समेत तीन को उम्रकैद की सजा हुई।
बदायूं : अदालत ने अपहरण कर हत्या के बाद साक्ष्य नष्ट करने के मामले में दो सगे भाइयों समेत तीन को आजीवन कारावास समेत 43-43 हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनाई है। जिसमें से 75 प्रतिशत धनराशि वादी ब्रजभान को देने का आदेश दिया है।
थाना उझानी क्षेत्र के मुहल्ला अयोध्यागंज निवासी ब्रजभान शर्मा पुत्र लक्ष्मी नारायण शर्मा ने 29 मार्च 2007 को थाने में तहरीर दी। अवगत कराया कि शादी समारोह में हलवाईगिरी करने वाला भीमा उसके घर खाना बनाने आया था, जिसकी वजह से परिवार से जान पहचान हो गई। इसी जान पहचान की वजह से 27 मार्च 2007 की शाम भीमा, प्रीती उर्फ रामकिशोर पुत्र जसवीर, भीम का भाई सुभाष वादी के घर पर आए थे। बातचीत करते-करते हम घरवालों के सामने लड़के निश्चल शर्मा उर्फ राघव को अपने साथ ले गए। जिस समय निश्चल को भीमा, सुभाश व प्रीती उर्फ रामकिशोर ले जा रहे थे तो सुनील दत्त शर्मा निवासी नझियाई, सियाराम जहानाबाद बिलसी ने भी देखा है। 29 मार्च 2007 को समय सायं सात बजे भूरे पंजाबी के गेहूं के खेत जंगल गांव बसोमा में उसकी लाश पड़ी मिली। न्यायालय में भीमा पुत्र उमाशंकर राठौर उर्फ पप्पू, प्रीती उर्फ रामकिशोर, विक्की उर्फ छोटा पुत्रगण जसवीर निवासीगण मुहल्ला बहादुरगंज कस्बा व थाना उझानी पर निश्चल का अपहरण व हत्या कर साक्ष्य नष्ट करने के आरोप का मुकदमा चलाया गया। न्यायालय अपर सत्र न्यायाधीश कक्ष नौ ने अंगद प्रसाद पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्य का अवलोकन किया। एडीजीसी राजवीर ¨सह व बचाव पक्ष की दलीलों को सुनने के पश्चात उक्त आरोप में दो सगे भाइयों समेत तीनों को दोषी पाते हुए सजा सुनाई है।