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लॉकडाउन में बढ़ी मांग, भाव खा रही मौसमी

कोरोना वायरस से निपटने के लिए चिकित्सकों के मुताबिक लोग ज्यादा से ज्यादा इम्युन सिस्टम बढ़ाने वाला आहार ले रहे हैं। संतरा से ज्यादा मौसमी को फायदेमंद बताया गया है। इसमें विटामिन सी की पर्याप्त के साथ रोगों से लड़ने की क्षमता भी अधिक होती है। लॉकडाउन में अन्य फल भले ही कम दामों पर बिक रहे हों लेकिन यहां मौसमी के रेटों में उछाल आया है। 30 से 40 रुपये किलो की दर से बिकने वाली मोसम्मी अब 70 से 80 के रेट में पहुंच चुकी है। मंडी में भी 250 से लेकर 300 रुपये प्रति धड़ी के हिसाब से आढ़ती थोक बिक्री कर रहे हैं। दुकानदार इसमें दस रुपये प्रति किलो की बढ़ोतरी कर मौसमी ग्राहकों को दे रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Fri, 29 May 2020 11:16 PM (IST)Updated: Fri, 29 May 2020 11:16 PM (IST)
लॉकडाउन में बढ़ी मांग, भाव खा रही मौसमी
लॉकडाउन में बढ़ी मांग, भाव खा रही मौसमी

जेएनएन, बदायूं : कोरोना वायरस से निपटने के लिए चिकित्सकों के मुताबिक लोग ज्यादा से ज्यादा इम्युन सिस्टम बढ़ाने वाला आहार ले रहे हैं। संतरा से ज्यादा मौसमी को फायदेमंद बताया गया है। इसमें विटामिन सी की पर्याप्त के साथ रोगों से लड़ने की क्षमता भी अधिक होती है। लॉकडाउन में अन्य फल भले ही कम दामों पर बिक रहे हों, लेकिन यहां मौसमी के रेटों में उछाल आया है। 30 से 40 रुपये किलो की दर से बिकने वाली मोसम्मी अब 70 से 80 के रेट में पहुंच चुकी है। मंडी में भी 250 से लेकर 300 रुपये प्रति धड़ी के हिसाब से आढ़ती थोक बिक्री कर रहे हैं। दुकानदार इसमें दस रुपये प्रति किलो की बढ़ोतरी कर मौसमी ग्राहकों को दे रहे हैं।

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लॉकडाउन के शुरुआती चरण में फल और सब्जियों की बाहर से आवक रुक गई थी। इस वजह से जिनके पास फल और सब्जी का स्टॉक था, वह जल्द ही स्टॉक खत्म करने के चक्कर में खरीद के हिसाब से ही जरूरतमंदों तक वह सामान पहुंचाने लगे। चिकित्सकों ने बताया कि कोरोना वायरस से निपटने के लिए रोग प्रतिरोधक क्षमता ज्यादा होनी चाहिए, इसलिए उन्होंने मौसमी को ही मुफीद बताया। चूंकि मौसमी विटामिन सी की कमी को पूरा करती है, इसलिए उसका सेवन ज्यादा करने की सलाह दी। चिकित्सकों की राय सुनकर लोगों ने मौसमी की बिक्री शुरू कर दी। जूस की दुकानें बंद होने पर वह मौसमी का उपयोग खाने में करने लगे। वजह है कि जूस से ज्यादा मौसमी खाने पर ही डॉक्टरों ने जोर दिया। ऐसे में मौसमी की खपत बढ़ी तो यहां 90 से 100 रुपये प्रति किलो के हिसाब से मौसमी बिकी। लॉकडाउन के बीच कृषि उत्पादन पर कुछ छूट मिली तो यहां बाहर से मौसमी आने लगी। मौजूदा वक्त में स्थानीय मंडी समिति में महाराष्ट्र से मौसमी आ रही है।

क्या कहते हैं चिकित्सक

जिला अस्पताल के फिजीशियन डॉ. राजेश वर्मा का कहना है कि मौसमी में विटामिन सी की मात्रा अधिक होती है, जो इम्युनिटी बढ़ाती है। कोरोना वायरस से बचाव के लिए मौसमी काफी हद तक कारगर है। इस वजह से परिवार के सभी सदस्यों को जूस के बजाए मौसमी खिलाने पर ज्यादा जोर दें।


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