मानसिक मंदिरों को अधिकारों के प्रति किया जागरूक
उप्र राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण लखनऊ के निर्देश पर वर्ल्ड मेंटल डे पर सेमिनार का आयोजन हुआ।
बदायूं : उप्र राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण लखनऊ के निर्देश पर जनपद न्यायाधीश, अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देश पर वर्ल्ड मेंटल हेल्थ डे के मौके पर मानसिक रोग से पीड़ित व्यक्तियों के अधिकारों के विषय पर आधारित सेमिनार का आयोजन किया गया। एनएमएम हॉल में हुए सेमिनार में मानसिक रोगियों के अधिकारों पर चर्चा की गई।
सेमीनार में कार्यक्रम के अध्यक्ष राकेश कुमार तिवारी और सीएमओ डा. आशाराम जेल अधीक्षक केपी त्रिपाठी, डा. मनवीर ¨सह जिला कुष्ठ रोग अधिकारी, दीपक कुमार चौधरी नायब तहसीलदार आदि मौजूद रहे। सेमिनार में जेल अधीक्षक ने बताया कि विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर सभी को मानसिक रोगियों की पीढ़ा बताने का मौका मिला है। उन्होंने कहा कि मानसिक रूप से अगर आप स्वस्थ्य रहेंगें तो आपका परिवार भी स्वस्थ रहेगा। सीएमओ ने कहा कि मेंटल हेल्थ डे का मुख्य उद्देश्य हमारे समाज को मानसिक रूप से स्वस्थ रहने के प्रति जागरूक कराना है। कार्यक्रम के अध्यक्ष राकेश कुमार तिवारी, सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने बताया कि हम सभी को मानसिक रूप से स्वस्थ रहना चाहिये। ऐसा शास्त्रों में भी लिखा है कि चिन्ता चिता के समान होती है अत: तनाव से हृदय रोग, ब्लड प्रेशर जैसी कई घातक बीमारियां जन्म लेती है। हृदय घात का मुख्य कारण तनाव ही होता है। विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम 1987 के तहत मानसिक रोगी एवं उसके परिवार वाले भी जिला विधिक सेवा प्राधिकरण से नि:शुल्क विधिक सहायता प्राप्त करने के पात्र हैं। कोई मानसिक रोगी किसी राजकीय चिकित्सालय में एवं निजी चिकित्सालय में इलाज के लिए भर्ती है। अगर उसके परिवार वालों को उसके इलाज में कोई असुविधा हो अथवा चिकित्सालय में उसका इलाज उचित प्रकार से नहीं हो पा रहा हो तो उक्त रोगी के परिवार वाले जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, में अपना आवेदन पत्र दे सकते हैं।
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