लॉकडाउन के दौरान दवाओं की बिक्री में आई गिरावट
जेएनएन बदायूं लॉकडाउन में लोगों के घरों में रहने और बाहर का खाना और प्रदूषण मुक्त
जेएनएन, बदायूं : लॉकडाउन में लोगों के घरों में रहने और बाहर का खाना और प्रदूषण मुक्त होने को वजह माना जाए दवाओं के कारोबार में पिछले साल की तुलना में तेजी से गिरावट आई है। शहर के प्रमुख मेडिकल स्टोर संचालकों की मानें तो 40 फीसद तक की बिक्री में कमी आई है।
पिछली साल मई और जून माह में सर्दी-जुकाम और मलेरिया के मरीजों से सरकारी अस्पताल से लेकर प्राइवेट अस्पतालों तक में भीड़ लगी रहती थी। इस साल मार्च से ही लॉकडाउन शुरू हो गया। अप्रैल और मई माह में शहर के होलसेल के मेडिकल स्टोर तक बंद रहे। प्रशासन से सिर्फ होम डिलीवरी की अनुमति दी। दवाओं की बिक्री कम होने की एक वजह यह भी रही कि सरकारी अस्पताल ही नहीं प्राइवेट डॉक्टरों की क्लीनिक भी बंद रहे। झोलाछापों पर प्रशासन ने शिकंजा कस दिया था। दवाओं के थोक बिक्रेता अखिल रस्तोगी कहते हैं कि पिछले साल की तुलना में इस साल लॉकडाउन के दौरान दवाओं की बिक्री में करीब 40 फीसद तक तक की कमी आई है। दवाओं के थोक बिक्रेता मनोज रस्तोगी का कहना है कि दवाओं के कारोबार पर करीब 30 प्रतिशत की गिरावट आई है। दवा विक्रेता नितिन गुप्ता और उपहार रस्तोगी भी दवाओं की बिक्री में 30 से 40 फीसद की कमी बता रहे हैं। जिला अस्पताल के वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. राजेश कुमार वर्मा कहते हैं कि लॉकडाउन में पर्यावरण प्रदूषण कम हुआ है। लोगों ने घरों का ही भोजन किया है और भरपूर आराम भी किया है। इसकी वजह से भी लोग बीमार कम हुए हैं।
जिले में दवाओं की आपूर्ति सुचारू रखने के लिए व्यवस्था की गई है। मेडिकल स्टोर संचालकों को बाहर से दवाएं मंगाने के लिए पास भी जारी किए गए। हॉटस्पॉट एरिया में भी दवाओं की होम डिलीवरी कराई गई।
- नवनीत कुमार, औषधि निरीक्षक