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मेडिकल कालेज के संविदा कर्मियों ने किया कार्य बहिष्कार

जेएनएन बदायूं राजकीय मेडिकल कालेज के संविदा कर्मियों ने मानदेय कम किए जाने के विरोध में कार्य बहिष्कार किया। उनकी शिकायत है कि कंपनी से नया अनुबंध होने के बाद पहले से काम कर रहे संविदा कर्मियों का मानदेय बढ़ने के बजाय और कम कर दिया गया है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 20 Jul 2021 01:01 AM (IST)Updated: Tue, 20 Jul 2021 01:01 AM (IST)
मेडिकल कालेज के संविदा कर्मियों ने किया कार्य बहिष्कार
मेडिकल कालेज के संविदा कर्मियों ने किया कार्य बहिष्कार

जेएनएन, बदायूं : राजकीय मेडिकल कालेज के संविदा कर्मियों ने मानदेय कम किए जाने के विरोध में कार्य बहिष्कार किया। उनकी शिकायत है कि कंपनी से नया अनुबंध होने के बाद पहले से काम कर रहे संविदा कर्मियों का मानदेय बढ़ने के बजाय और कम कर दिया गया है। जबकि शासन स्तर से व्यवस्था है कि पहले से किसी कर्मचारी का मानदेय कम नहीं किया जाएगा। इसी बात को लेकर आक्रोश जताया। प्राचार्य ने समझाया कि मामला शासन को भेजा जा चुका है, निर्णय शासन स्तर पर ही लिया जाना है। इसके बाद सभी काम पर वापस लौट गए। मेडिकल कालेज में संविदा पर कर्मचारी पहले किसी दूसरी कंपनी के जरिए लगाए गए थे। अब इसका अनुबंध अवनि परिधि संस्था से हुआ है। नई संस्था से अनुबंध होने के बाद संविदा कर्मियों के मानदेय में 300 रुपये से लेकर एक हजार रुपये तक की कमी हो गई है। इस समस्या को लेकर पिछले दिनों संविदा कर्मियों ने जिलाधिकारी दीपा रंजन और कालेज के प्राचार्य को भी ज्ञापन दिया था। इसके बाद भी अभी तक कोई कार्रवाई न होने से उनका आक्रोश बढ़ गया है। सोमवार को सुबह नौ बजे सभी संविदा कर्मियों ने कार्य बहिष्कार कर दिया और मुख्य गेट पर धरने पर बैठ गए। उनका कहना था कि शासन स्तर से व्यवस्था है कि किसी कर्मचारी का मानदेय कम नहीं किया जाएगा। जबकि नई कंपनी से हुए अनुबंध के बाद सभी कर्मचारियों के मानदेय में कटौती कर दी गई है। कर्मचारियों के कार्य बहिष्कार के चलते मेडिकल कालेज में अफरा-तफरी का माहौल उत्पन्न हो गया। प्राचार्य डा. धर्मेद्र गुप्ता पहुंचे तो कर्मचारियों ने उनकी गाड़ी को घेर लिया। उन्होंने समझाया कि यह प्रकरण शासन को भेजा जा चुका है। शासन स्तर से ही इस पर निर्णय किया जाना है। कर्मचारियों ने उनके सामने अपना पक्ष भी रखा, शासन की व्यवस्था का भी हवाला दिया। प्राचार्य के समझाने के बाद शांत हुए।

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पहले दूसरी कंपनी के माध्यम से संविदा पर कर्मचारी लगाए गए थे, अब कंपनी बदल गई है। इससे कर्मचारियों के मानदेय में कमी हुई है। कर्मचारियों के मांग पत्र के आधार पर शासन को प्रकरण से अवगत कराया जा चुका है। इस पर शासन स्तर से ही निर्णय लिया जाना है, स्थानीय स्तर पर कुछ नहीं किया जा सकता।

- डा.धर्मेंद्र गुप्ता, प्राचार्य राजकीय मेडिकल कालेज


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