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मन मोह लेगी महाआरती, आइये.. मां गंगा के कछला घाट

आस्था की तमाम कहानियां समेटे रुहेलखंड में एक और दिव्य-भव्य परंपरा की नीव मंगलवार को पड़ जाएगी।

By JagranEdited By: Published: Tue, 15 Jan 2019 12:37 AM (IST)Updated: Tue, 15 Jan 2019 12:37 AM (IST)
मन मोह लेगी महाआरती, आइये.. मां गंगा के कछला घाट
मन मोह लेगी महाआरती, आइये.. मां गंगा के कछला घाट

बदायूं : आस्था की तमाम कहानियां समेटे रुहेलखंड में एक और दिव्य-भव्य परंपरा की नीव मंगलवार को पड़ जाएगी। भोले की काशी (बनारस) की तरह कछला गंगा घाट तीरे गंगा महाआरती का प्रारंभ होगा। यह कोई एक दिन का कार्यक्रम नहीं होगा। हर शाम भक्तों को मां गंगा के पतित पावन जल में डुबकी के साथ मन मोह लेने वाले घंटे घड़ियाल और आरती के बोल सुनाई देंगे। महीनेभर से चल रही इसकी तैयारी पूरी हो चुकी है। आरती का अभ्यास भी बनारस से आए पंडितों ने कराया है।

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मकर संक्रांति के मौके पर 15 जनवरी की शाम करीब साढ़े पांच बजे यहां नई इबारत लिखी जाएगी। वैसे भी, स्नान पर्वो पर यहां लाखों की भीड़ जुटती ही है, लेकिन नियमित आरती आरंभ होने से लोगों में आस्था बढ़ने के साथ पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।

गंगा को स्वच्छ एवं निर्मल बनाने के लिए केंद्र सरकार नमामि गंगे योजना तो पहले से संचालित कर रही है। इस योजना में कछला गंगा घाट के सुंदरीकरण का कार्य भी शामिल है, अभी तक कोई काम शुरू नहीं हुआ है। अलबत्ता, सामाजिक संगठनों के सहयोग से जिला प्रशासन ने गंगा तट पर नियमित आरती की कवायद शुरू की तो देखते ही देखते सभी इंतजाम हो गए। गंगा भक्तों ने अपेक्षा से ज्यादा उत्साह दिखाया और इसे मूर्त रूप देने का वक्त आ गया। काशी के आरती एक्सपर्ट पंद्रह दिन से यहां डेरा जमाए हुए हैं। गुरुकुल के 15 विद्यार्थियों को प्रशिक्षण देकर पारंगत भी कर चुके हैं। इसमें किसी तरह का व्यवधान न आए, इसलिए श्री गंगा आरती सेवा समिति का गठित की गई है।

प्रशासन दूर, निजी प्रयास

इसमें सरकारी मशीनरी को शामिल नहीं किया गया, संचालन का दायित्व सामाजिक संगठनों को दिया गया है। नियमित आरती करने वालों के लिए पारिश्रमिक की व्यवस्था की गई है, दो माली भी नियुक्त किए गए हैं। नियमित आरती का इंतजाम कराने में सहयोग करने वाले के लिए भी पारिश्रमिक का इंतजाम किया है। आरती कराने वालों के लिए तीन महीने की बु¨कग भी खोल दी गई है। गंगा घाट पर नौकायन की व्यवस्था पहले से चल रही है, इसे और बेहतर बनाया जा रहा है।


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