टपकती छत से निजात दिलाने में जुटा स्वास्थ्य महकमा
अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों के लिए आने वाली बारिश में टपकती छत के नीचे भक्त गुजारना नहीं पड़ेगा।
बदायूं : जिला अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों के लिए आने वाली बारिश में टपकती छत के नीचे वक्त नहीं गुजारना होगा। वजह है कि पूरी छतों की मरम्मत कराने के लिए स्वास्थ्य निदेशालय को प्रस्ताव भेजा गया है। वहां से मंजूरी मिलते ही इंजीनियरों की टीम मुआयना करके बजट तैयार करेगी।
अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड समेत सर्जिकल वार्ड व आर्थोवार्ड की छतें जर्जर हो चुकी हैं। जबकि सौ साल की मियाद वाले इन भवनों का पिछले दिनों वार्षिक मुआयना हुआ तो रिपोर्ट भेजी गई कि 10 साल और यह भवन चल सकता है। सर्दियों के अंत में भी बारिश होती है, ऐसे में एक बार फिर मरीजों को इस समस्या से रूबरू होना पड़ेगा। अगर समय रहते मंजूरी मिल जाए तो आने वाले एक पखवाड़े में मरम्मत का काम पूरा कराया जा सके। उच्चीकरण में शामिल नहीं मरम्मत
जिला अस्पताल के उच्चीकरण में यहां नए भवनों का निर्माण तो करा दिया गया लेकिन पुराने भवन की मरम्मत को इसमें शामिल नहीं किया गया था। नतीजतन गैलरी से लेकर पैथोलाजी तक सभी जगहों पर फाइबर का टिनशेड डाला जा चुका है। ऐसे में तीमारदारों को तो सहूलियत मिल सकती है लेकिन मरीजों के बेड पर पानी टपकने की समस्या का निदान नहीं हो पा रहा था। वर्जन ::
सभी छतों की मरम्मत के लिए प्रस्ताव भेजा जा चुका है। भवन टपकते हैं, इसकी लगातार शिकायत मिल रही थी। अपने स्तर से पैरवी भी कर रहे हैं। मंजूरी मिलते ही पूरे अस्पताल की छतों को दुरुस्त करा दिया जाएगा।
- डॉ. बीबी पुष्कर, सीएमएस जिला अस्पताल