शहनाई पर भी कानून का पहरा
लोकसभा चुनाव का बिगुल बजते ही चुनाव आयोग ने प्रत्याशियों का खर्च तय किया है।
बदायूं : लोकसभा चुनाव का बिगुल बजते ही चुनाव आयोग ने प्रत्याशियों का खर्च तय किया है तो वोट प्रलोभन पर भी पैनी नजर रखी है। अब कोई भी व्यक्ति पचास हजार से ज्यादा की धनराशि लेकर कहीं नहीं जा पाएगा। इस तरह से अगर शादी ब्याह वाले परिवार हैं तो उनको भी खर्च के लिए टैंट, हलवाई, बरातघर की पर्ची साथ में रखकर पचास हजार से ज्यादा की धनराशि ले जानी होगी। चुनावी मौसम में सहालग होने से शादी ब्याह वाले परिवार भी कानून के भय से हर खर्च का हिसाब रख रहे हैं।
अब तक शादी वाले परिवारों को किसी भी तरह की टेंशन नहीं थी। शानो-शौकत के दौर में जमकर पैसा भी खर्च किया गया। ऐसे में अब उन परिवारों के सामने खर्च का संकट आ गया जिनकी शादियां आचार संहिता लगने के बाद तय हुई हैं। चुनावी सीजन तक उन परिवारों को शादी में खर्च करने के लिए एक-एक पाई का हिसाब देना होगा। मसलन, एक साथ वह 50 हजार से ज्यादा की नकदी लेकर चलते हैं उनको सबूत भी साथ रखने होंगे जिसमें यह दर्ज होगा कि वह किस काम के लिए 50 हजार से ज्यादा नकदी ले जा रहे हैं। शादी का कार्ड, टैंट, मैरिज हॉल की रसीद साथ रखनी होगी। चेकिग में अगर वह पकड़े जाते हैं तो यह बताना होगा कि यह पैसा किस खर्च के लिए ले जा रहे हैं। मरीजों के तीमारदारों को भी रखना होगा अस्पताल का बिल
शादी ब्याह की तरह अगर किसी को बीमारी है और उसके इलाज के लिए 50 हजार से ज्यादा की नकदी कोई लेकर जा रहा है तो उसको भी सबूत पेश करना होगा। सबूत के तौर पर जिस अस्पताल में उसका मरीज भर्ती है वहां के बिल और संभावित खर्च का ब्यौरा साथ रखने के बाद ही वह मोटी रकम ले जा सकता है।
वर्जन
आचार संहिता के चलते 50 हजार से ज्यादा का कैश लेकर कोई नहीं जा सकता। इसमें शादी-ब्याह और मरीजों को अलग रखा गया है। वह भी अगर पैसा लेकर जा रहे हैं तो शादी वाले परिवारों को टैंट, मैरिज हॉल की रसीद रखनी होगी और मरीज के तीमारदार को अस्पताल का बिल।
- राम निवास शर्मा, एडीएम प्रशासन