चेयरमैन के बेटे को बचाने की जुगत में खाकी
अफीम तस्करी में पकड़े गए एक सरकारी कर्मचारी के प्रकरण में चेयरमैन के बेटे का भी नाम सामने आया है।
बदायूं : नगर पंचायत सखानू के लिपिक के अफीम समेत गिरफ्तार होने और साजिश के तहत फंसाए जाने के मामले की जांच कर रही पुलिस की विवेचना में नगर पंचायत चेयरमैन के बेटे बिलाल का नाम भी शामिल हो चुका है। हालांकि अंदरखाने चर्चा है कि उसे बचाने के पूरे प्रयास किए जा रहे हैं। पुलिस उसे क्लीनचिट देने की तैयारी में है।
16 मार्च को सिविल लाइंस थाना पुलिस ने जेल तिराहे के पास से एक बाइक पकड़ी थी। बाइक से 320 ग्राम अफीम बरामद हुई थी। यह बाइक नगर पंचायत में तैनात वरिष्ठ लिपिक जहीर उल हसन की निकली। मामला चंद घंटों में ही शहरभर में आग की तरह फैल गया। जहां पुलिस पर गोपनीय रूप से लिपिक को जेल भेजने का दवाब बना, वहीं अधिकारियों ने मामले की गहराई में जाने की ठान ली। नतीजतन बाइक में अफीम की सूचना देने वाले वसीम निवासी वार्ड संख्या चार कस्बा सखानू व नैथू गांव के दबीर से पूछताछ शुरू की तो सामने आया कि दोनों खुद के बुने जाल में ही फंस गए। दोनों ने कबूला कि बाइक के टूलबॉक्स में अफीम उन्हीं ने रखी थी। यह भी आरोप लगा था कि पूरी साजिश चेयरमैन पुत्र बिलाल ने ही रची थी। इतना ही नहीं यह अफीम खरीदने के लिए इन दोनों को रकम भी बिलाल की ओर से मुहैया कराई गई थी। ऐसे चल रही बचाने की कोशिश
- आरोपित को बचाने के लिए पुलिस के पास एक ही तथ्य बचा है और वह तथ्य यह है कि दबीर और वसीम की बिलाल से पुरानी किसी बात पर रंजिश दिखाई जाए। इसी से यह तय होगा कि आरोपितों ने बिलाल को झूठा फंसाने के लिए उसका नाम पुलिस के सामने खोला था। बिलाल का नाम विवेचना में शामिल होने के बाद इस गंभीर मामले में पुलिस हर पहलू पर जांच कर रही है। वर्जन
हर पहलू पर जांच की जा रही है। ताकि स्पष्ट हो सके कि आखिरकार बिलाल ने यह कदम क्यों उठाया। जो भी तथ्य सामने आएंगे, उनके आधार पर कार्रवाई होगी।
ओपी गौतम, एसएचओ सिविल लाइंस