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धार्मिक ग्रंथों को घर में ही नहीं दिल में भी रखें

नगर स्थित अल फरिया अस्पताल के हाल में एक विचार गोष्ठी का आयोजन सछ्वावना मंच की ओर से किया गया।

By JagranEdited By: Published: Wed, 05 Dec 2018 12:02 AM (IST)Updated: Wed, 05 Dec 2018 12:02 AM (IST)
धार्मिक ग्रंथों को घर में ही नहीं दिल में भी रखें
धार्मिक ग्रंथों को घर में ही नहीं दिल में भी रखें

बदायूं : नगर स्थित अल फरिया अस्पताल के हाल में एक विचार गोष्ठी का आयोजन सछ्वावना मंच की ओर से किया गया। समाज के निर्माण में ईशदूत के संदेशों की भूमिका विषयक गोष्ठी का आगाज मु.मोईन ने पवित्र कुरान के पाठ से किया। सचिव डॉ.इत्तेहाद आलम ने कहा कि हजरत मोहम्मद साहब के जीवन पर रोशनी डाली। कहा कि मोहम्मद साहब और कुरान सिर्फ मुसलमानों के लिए ही नहीं है सारी दुनिया के लिए है। संचालक सिराज अहमद ने कहा कि कुरान सभी धर्मो के लोगों के लिए मार्गदर्शक के रूप में है। जिला बार एसोसिएशन के सचिव एडवोकेट पवन गुप्ता ने सछ्वावना मंच के कार्यक्रम की सराहना की। आचार्य अमित आनंद भारद्वाज ने कहा कि गीता, कुरान, रामचरितमानस आदि धार्मिक ग्रंथों को घर में नहीं दिल में रखें। अध्यक्ष एडवोकेट सुरेश चंद्र जौहरी ने कहा कि ईश्वर ने हमें ¨हदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई बनाकर पैदा नहीं किया बल्कि इंसान बना कर भेजा है। अध्यक्षता कर रहे अतीक अहमद शफीक इस्लाही ने कहा कि प्यारे नबी की 63 साल ¨जदगी में 23 साल नबी के हैं। कहा कि हजरत मोहम्मद साहब की शिक्षाएं समाज के हर तबके के लिए हैं। सामाजिक बुराइयां जुआ, शराब, सूद आदि को हजरत मोहम्मद साहब की शिक्षाओं द्वारा खत्म किया जा सकता है। जिला उपाध्यक्ष गौरव कुमार सक्सेना, एडवोकेट सफीर उद्दीन, डॉ.संजीदा आलम, हम्मा इम्तियाज, महिपाल ¨सह, एडवोकेट अनवर आलम, शरीयत हुसैन, ज्ञान ¨सह टंडन, अहमद परवेज ने भी विचार व्यक्त किए। रियाज अहमद ने आभार व्यक्त किया। संचालन डॉ.इम्तियाज अहमद ने किया।

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