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पिछले साल के स्थान से आधा किलोमीटर पश्चिम दिशा में लगेगा मेला ककोड़ा

पांच से 19 नवंबर तक आयोजित रुहेलखंड का मिनी कुंभ ककोड़ा मेला इस बार पिछले साल के स्थान से करीब आधा किलोमीटर दूर पश्चिम दिशा में लगेगा।

By JagranEdited By: Published: Sat, 12 Oct 2019 06:26 PM (IST)Updated: Sat, 12 Oct 2019 06:26 PM (IST)
पिछले साल के स्थान से आधा किलोमीटर पश्चिम दिशा में लगेगा मेला ककोड़ा
पिछले साल के स्थान से आधा किलोमीटर पश्चिम दिशा में लगेगा मेला ककोड़ा

फोटो 12 बीडीएन- 57, 58 - प्रशासनिक अमले ने मिनी रुहेलखंड की शुरू कीं तैयारियां, जमीन खाली करने को कहा

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- एडीएम प्रशासन, एसपी सिटी, एमएमए समेत कई अधिकारियों ने मौके पर बनाई रूपरेखा जागरण संवाददाता, बदायूं : पांच से 19 नवंबर तक आयोजित रुहेलखंड का मिनी कुंभ ककोड़ा मेला इस बार पिछले साल के स्थान से करीब आधा किलोमीटर दूर पश्चिम दिशा में लगेगा। प्रशासनिक अफसरों ने मौके पर स्थिति देखी और यह रूपरेखा तैयार करके सभी विभागों की जिम्मेदारी तय की गई।

मेले में मुख्य स्नान पर्व 12 नवंबर को होगा। तैयारियों के चलते शनिवार को एडीएम प्रशासन राम निवास शर्मा, एसपी सिटी जितेंद्र कुमार श्रीवास्तव, अपर मुख्य अधिकारी सीपी सिंह राघव अन्य अफसरों के साथ ककोड़ा पहुंचे। पता चला, पिछले साल जिस स्थान पर मेला ककोड़ा लगा था वहां पर खनन के पट्टे होने की वजह से अब गड्ढे हो गए हैं। जिनमें पानी भरा है। जिला पंचायत के अपर मुख्य अधिकारी से नक्शा मांगा तो उन्होंने इस बार वहां से आधा किलोमीटर दूर पश्चिम दिशा में ही मेला लगने की बात कही। श्रद्धालुओं की लाखों की भीड़ की सुविधा के लिए मेले के अंदर सभी मार्ग पहले से ज्यादा चौड़े होने के निर्देश दिए। आफीसर्स कॉलोनी से लेकर वीआइपी कॉलोनी तैयार करने के लिए नक्शा देखा गया। किसानों को मौके पर बुलाकर कहा, समय रहते अपने खेत खाली कर लें। ताकि तंबुओं का शहर बसाया जा सके। गोताखोरों को भी बुलाकर भी निर्देश दिए। इस दौरान अभियंता केपी वर्मा, जेई लालता प्रसाद, प्रशासनिक अधिकारी विनोद कुमार आदि मौजूद रहे।

..जाम का झाम खत्म करने का किया इंतजाम

मेले में गंगा स्नान से एक दिन पहले और बाद में लाखों की संख्या में वाहन पहुंचते हैं जिनसे जाम लगता है। दो साल पहले करीब 19 घंटे जाम लगने से प्रशासन की सभी तैयारियों पर सवाल उठे। पिछले साल जाम का झाम खत्म करने के लिए अतिरिक्त मार्ग बनाया गया था। मेले में आने-जाने वालों को दो मार्ग बनाए गए थे। इस साल भी कादरबाड़ी होते हुए अतिरिक्त मार्ग निकाला जाएगा। दो किलोमीटर के दो कच्चे संपर्क मार्ग रहेंगे।


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