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गंगा तीरे बसने लगे श्रद्धालु, रौनक बढ़ी

रुहेलखंड का मिनी कुंभ मेला ककोड़ा में झंडी पहुंचने के साथ ही मेला शुरू हो गया है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 18 Nov 2018 12:17 AM (IST)Updated: Sun, 18 Nov 2018 12:17 AM (IST)
गंगा तीरे बसने लगे श्रद्धालु, रौनक बढ़ी
गंगा तीरे बसने लगे श्रद्धालु, रौनक बढ़ी

बदायूं : रुहेलखंड का मिनी कुंभ मेला ककोड़ा में झंडी पहुंचने के साथ ही मेला शुरू हो गया है। दूर दराज से श्रद्धालु मेला ककोड़ा में पहुंच रहे हैं। इससे गंगा तीरे रेत के ढेर पर रौनक बढ़ गई है। गंगा मइया के जयकारे के साथ श्रद्धा और विश्वास की डुबकी लगाकर लोकमंगल की कामना कर रहे हैं। श्रद्धालु अपने बच्चों के बोले बदे मुंडन संस्कार करा रहे हैं। रेत की सफेद चादर पर श्रद्धालु स्नान के बाद पूजा अर्चना और ध्यान साधना के बाद खिचड़ी भोज का आनंद ले रहे हैं। मेले में उड़ती धूल पर काबू पाने के लिए मार्गो पर नगर पालिका परिषद और सैदपुर, सहसवान, वजीरगंज, फैजगंज क्षेत्र से मंगवाए गए पानी टैंकरों से छिड़काव किया जा रहा है।

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गंगा तट की व्यवस्थाएं आधी-अधूरी

मिनी कुंभ मेला ककोड़ा 16 नवंबर को ककोड़ देवी से झंडी पहुंचने के बाद शुरू तो हो गया, लेकिन व्यवस्थाएं आधी अधूरी हैं। गंगा किनारे फैले मेले में लाखों श्रद्धालुओं का पहुंचना होगा। अभी तक गंगा घाट पर दो महिलाओं और दो पुरूषों ही चे¨जगरूम बनाए गए हैं। श्रद्धालुओं को गंगा की गहराई का एहसास कराने और संयमित रहने के लिए बैरीके¨डग होना बहुत जरूरी है। सुरक्षा को पहुंची फ्लड पीएसी

मेला ककोड़ा में फ्लड पीएसी के जवानों की 43वीं बटालियन पहुंच गई है। प्लाटून कमांडर अमर ¨सह ने बताया कि मेले में दो नावें हैं, एक नाव और आएगी। यही प्लाटून गंगा घाट पर पैनी नजर भी रखेगी। मेला उद्घाटन के बाद गंगा तट बना कूड़ेदान

मेला ककोड़ा में यज्ञ, झंडी और गंगा पूजन के बाद गंगा तट पर हुए सामूहिक भोजन समारोह हुआ। सम्मानित लोग भी शामिल हुए, उसके बाद लोगों ने भोजनोपरांत थरमाकोल के दोनें और पत्तल जहां देखा वहां फेंक दिया। हवा चलते ही वह गंगा तट पर फैल गए। देखते ही देखते पावन गंगा तट कूड़ेदान बन गया। अभी तक नहीं बने वॉच टॉवर

पुलिस प्रशासन के इंतजाम पूरे नहीं मेले की तैयारियां तो बहुत दिनों से चल रहीं हैं। गंगा किनारे उठाईगीरों और मनचलों पर नजर रखने के लिए अभी तक वॉच टॉवर नहीं बनाए गए हैं। वॉच टॉवर से पुलिस के जवान दूर दूर तक उच्चकों पर पैनी नजर रखते है। वहीं सुरक्षा की ²ष्टि से वॉच टॉवर नितांत जरूरी है।


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