भगवान भक्त की नहीं होती कभी मृत्यु : चित्रलेखा
श्रीमद् भागवत कथा में युवाओं को आदर्श जीवन शैली जीने की नसीहत दी गई
संस, बिसौली : श्रीमद् भागवत कथा में युवाओं को आदर्श जीवन शैली जीने की नसीहत दी गई। कथावाचिका चित्रलेखा देवी ने वचनामृत की वर्षा करते हुए कहा कि भगवान के भक्त की कभी मृत्यु नहीं होती। उसकी भक्ति और नाम अमर हो जाता है।
श्रीराधा रानी सेवा समिति की ओर से रामलीला मैदान में चल रही कथा में कथावाचिका ने कहा, आज युवाओं में बढ रही निराशा की भावना के लिए आधुनिक जीवन शैली जिम्मेदार है। जबकि भारतवर्ष की संस्कृति देश में विख्यात है और हम पाश्चात्य संस्कृति की ओर भाग रहे हैं। उन्होंने धन धन चिल्लाने वाले की मृत्यु के बाद उसके साथ निधन शब्द लग जाता है। उन्होंने बताया कि कलियुग केवल नाम अधारा। हम सिर्फ प्रभु का नाम जप करें। चलते फिरते, उठते बैठते अपने इष्ट का नाम जपें। सत्संग जरूर करें। संकीर्तन भक्ति को बढ़ाता है। इसके साथ ही प्रभु कृपा साध्य है, लेकिन फिर भी हमें साधन तो करना ही है। समर्पण से रीझकर प्रभु भक्त पर अपनी कृपा बरसा देते हैं। गोरक्षा को अपने जीवन का आधार बताते हुए कहा कि गाय तो नंदकिशोर है। इस मौके पर मनोज यादव, पवन गुप्ता, मुकेश शर्मा, प्रदीप गुप्ता, हिमांशु सक्सेना, कोतवाल पंकज लवानिया, दुर्गेश वाष्र्णेय, अक्कू रस्तोगी, अनुपम गुप्ता, अखिलेश शर्मा, मोनू महाजन, अनिल मिश्रा, सरिता वाष्र्णेय, सूनीती मिश्रा, अंशु मिश्रा आदि मौजूद रहे।