शराब के सेल्समैन को जारी किए जाएंगे आइडी कार्ड
जिले में अब शराब की दुकानों के सेल्समैन को आइडी कार्ड जारी किए जाएंगे। बिना आई कार्ड दुकान पर शराब बेचते पाए जाने पर सेल्समैन को जेल भेजा जाएगा। यह व्यवस्था तिगुलापुर शराब कांड के बाद जिला और आबकारी प्रशासन के अफसरों ने बनाई है। इसके लिए शराब के सभी ठेकेदारों को सेल्समैन का डेटा आबकारी विभाग में जमा करने को निर्देशित किया है।
जेएनएन, बदायूं : जिले में अब शराब की दुकानों के सेल्समैन को आइडी कार्ड जारी किए जाएंगे। बिना आई कार्ड दुकान पर शराब बेचते पाए जाने पर सेल्समैन को जेल भेजा जाएगा। यह व्यवस्था तिगुलापुर शराब कांड के बाद जिला और आबकारी प्रशासन के अफसरों ने बनाई है। इसके लिए शराब के सभी ठेकेदारों को सेल्समैन का डेटा आबकारी विभाग में जमा करने को निर्देशित किया है। संबंधित दुकान के स्वामी को भी शपथ पत्र देना होगा कि वह सेल्समैन को अच्छी तरह से जानता है। फिर सेल्समैन को आइडी कार्ड जारी किया जाएगा, ताकि ग्राहक उसका नाम भी पढ़ सकें।
शराब की दुकानों पर अब तक ठेकेदार मनमर्जी से सेल्समैन रख लेते थे। इससे कुछ सेल्समैन ऐसे हैं जो अवैध शराब का धंधा सरकारी दुकान की आड़ में करते हैं। ठेके पर किसको कौन शराब दे रहा है। इसका पता भी नहीं चल पाता था। ऐसे में अगर कोई भी शराब का सेल्समैन किसी को अवैध शराब दे दे तो वह पीने वाला व्यक्ति उस सेल्समैन के बारे में कुछ नहीं बता पाएगा। वजह है कि शराब सेल्समैन को न तो कोई आइडी कार्ड होता था और न ही उसका कोई डेटा आबकारी विभाग तक भेजा जाता था। ऐसे में तिगुलापुर गांव में शराब कांड हुआ। जांच में पता चला कि शहर की पुरानी चुंगी स्थित शराब की दुकान से वह शराब सप्लाई हुई थी। मिलावटी शराब से तीन लोगों की जान चली गई और एक युवक की आंखों की रोशनी चली गई। तिगुलापुर कांड के बाद यह साफ हो गया कि आबकारी विभाग की शह पर दुकानों पर मौजूद सेल्समैन व ठेकेदार मिलकर अवैध शराब को जिले में सप्लाई करा रहे थे। इस पर अब आबकारी विभाग ने सभी शराब कारोबारियों को निर्देश दिए कि दुकानों पर रखे जाने वाले शराब सेल्समैन को आइडी कार्ड जारी किए जाएंगे। आइडी कार्ड उनको ड्यूटी के दौरान अपने गले में डालना होगा। ताकि ग्राहक को यह पता रहे कि किस सेल्समैन ने उसको शराब दी है। वर्जन ..
शराब की दुकानों पर मौजूद सेल्समैन अब आइडी कार्ड के साथ ही शराब बेच सकेंगे। सभी को इसके लिए निर्देशित कर दिया है।
- नीरज सिंह, आबकारी निरीक्षक