डीएम के निरीक्षण में मिले गंदगी के ढेर
दातागंज ब्लाक के गांव डहरपुरकलां और नगर पंचायत गुलड़िया में डेंगू के बढ़ते मामलों का संज्ञान लेते हुए रविवार सुबह जिलाधिकारी दीपा रंजन ने मुख्य विकास अधिकारी निशा अनंत के साथ निरीक्षण किया। इस दौरान गांव के भीतर गंदगी और कूड़ा देख उन्होंने नाराजगी व्यक्त की और तत्काल हटवाकर सफाई कराने के निर्देश दिए।
बदायूं, जेएनएन: जिले में लगातार फैल रहे डेंगू की रोकथाम के लिए डीएम व सीडीओ ने खुद कमान संभाल ली है। शनिवार को सीडीओ ने बैठक में अधिकारियों के पेच कसे तो रविवार को डीएम और सीडीओ डेंगू प्रभावित डहरपुरकलां गांव और गुलड़िया नगर पंचायत की स्थिति जानने खुद पहुंच गई। यहां एसीएमओ डा. मंजीत सिंह, जिला मलेरिया अधिकारी समेत चार अधिकारी गैरहाजिर मिले। डीएम ने नाराजगी जताते हुए उनसे स्पष्टीकरण मांगा है। दैनिक जागरण ने इन दोनों जगहों के हालात को 15 और 16 अक्टूबर के अंक में प्रमुखता से प्रकाशित किया था। निरीक्षण में गंदगी मिलने पर अधिकारियों ने सचिवों व बीडीओ से भी नाराजगी जताई।
दातागंज ब्लाक के गांव डहरपुरकलां और नगर पंचायत गुलड़िया में डेंगू के बढ़ते मामलों का संज्ञान लेते हुए रविवार सुबह जिलाधिकारी दीपा रंजन ने मुख्य विकास अधिकारी निशा अनंत के साथ निरीक्षण किया। इस दौरान गांव के भीतर गंदगी और कूड़ा देख उन्होंने नाराजगी व्यक्त की और तत्काल हटवाकर सफाई कराने के निर्देश दिए। डीएम और सीडीओ ने ग्रामीणों से संवाद कर हालचाल जाना। डेंगू की चपेट में आए लोगों के संबंध में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से जानकारी ली। उन्होंने निर्देश दिए कि गांवों में शिविर लगाकर जांच के लिए सैंपल लिए जाएं। मरीज पाए जाने पर गांवों की नालियों में एंटीलार्वा का छिड़काव, फागिग करवाई जाए। डीएम ने मौके पर जाकर देखा तो डहरपुर कलां के ग्राम सचिव चंद्रभान सिंह, नगर पंचायत गुलड़िया में एसीएमओ डा. मनजीत सिंह, जिला मलेरिया अधिकारी योगेश सारस्वत, एमओआइसी डा. शिवेंद्र अनुपस्थित मिले। डीएम ने नाराजगी व्यक्त करते हुए स्पष्टीकरण व कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए। डीएम ने कहाकि सभी अधिकारी, कर्मचारी अपने दायित्वों का निर्वहन पूरी जिम्मेदारी से करें। डेंगू और मलेरिया की रोकथाम के लिए उपाय बताते हुए कहा कि किसी भी प्रकार का जलभराव न होने दें, उसे समाप्त करें। जिस गड्ढे में जलभराव हो उसमें मिट्टी डालकर उसे बंद कर दें। मच्छर से बचाव के लिए पूरी आस्तीन के कपड़े पहनें और मच्छरदानी में सोएं। ग्रामीणों को झोलाछाप के पास न जाने दें प्रधान
डीएम ने ग्राम प्रधान की जिम्मेदारी तय करते हुए कहाकि गांव में कोई भी व्यक्ति बीमार होता है तो उसे झोलाछाप के पास न जाने दें। तत्काल अपने निकटतम स्वास्थ्य केंद्र या जिला चिकित्सालय में इलाज कराएं। आशा तथा आंगनबाड़ी कार्यकर्ता गांवों में जागरूकता अभियान चलाएं। सुनिश्चित करें कि मलेरिया आदि के मरीज समय से दवाओं का सेवन करते रहें। कूलर एवं फ्रिज का पानी नियमित बदलते रहें।