गंगा घाट पर रौनक बढ़ाएंगे दिल्ली वाले गुड़हल के फूल
विकास के मामले में भले ही बदायूं का नाम पिछड़े जिलों में लिया जाता रहा हो।
बदायूं : विकास के मामले में भले ही बदायूं का नाम पिछड़े जिलों में लिया जाता रहा हो, लेकिन पतित पावनी गंगा में डुबकी लगाने के लिए रुहेलखंड मंडल ही नहीं राजस्थान तक के हजारों श्रद्धालु यहां आते हैं। अब काशी और हरिद्वार की तरह यहां कछला गंगा घाट पर नियमित गंगा महाआरती के माध्यम से जिले को नई पहचान दिलाने की कोशिश शुरू हुई है। गंगा घाट की रौनक बढ़ाने के लिए दिल्ली से गुलहल के स्पेशल कृत्रिम फूल मंगाए गए हैं। शंख भी बनारस से मंगाया गया है। 54 दीपों से आरती के लिए इंतजाम किए जा रहे हैं।
काशी की तर्ज पर कछला गंगा घाट पर 15 जनवरी से शुरू होने वाली गंगा आरती में शामिल होने के लिए साधु-संतों को भी आमंत्रित किया जा रहा है। काशी के छह आरती विशेषज्ञ यहां पहुंच चुके हैं, जो गुरुकुल महाविद्यालय कछला के 25 विद्यार्थियों को इस विधा में पारंगत बना रहे हैं। 12 जनवरी तक तैयारी पूरी कर लेने का लक्ष्य रखा गया है। वजह 12 और 13 जनवरी को घाट पर आरती के लिए की गई व्यवस्थाओं का ट्रायल होगा। डीएम दिनेश कुमार ¨सह के निर्देशन में की जा रही व्यवस्था में आयोजन के लिए श्री गंगा आरती सेवा समिति का गठन किया गया है, जिसका कोआर्डिनेटर प्रतीष गुप्ता को बनाया गया है। दावा है कि 60 फीसद तैयारी हो चुकी है, 12 जनवरी तक व्यवस्था को अंतिम रूप दे दिया जाएगा। डीएम ने बताया कि घाट पर भक्तिमय माहौल बनाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। अधिक से अधिक स्थानीय लोगों को जोड़ा जा रहा है ताकि निर्वाध रूप से गंगा आरती का सिलसिला चलता रहे।
गंगा घाट के दुकानदारों की भी अलग होगी पोशाक
प्रसाद की दुकान लगाने वाले दुकानदारों की पोशाक अलग करने की व्यवस्था की गई है। इसका उद्देश्य यह है कि गंगा तट का नजारा भक्तिमय दिखाई पड़े। नाविकों को नाव की सजावट करने के साथ विशेष पोशाक में रहने के भी निर्देश दिए गए हैं। चंदन लगाने का भी खास इंतजाम
काशी की तरह गंगा घाट पर पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को चंदन लगाने के लिए भी खास इंतजाम किए गए हैं। आयोजन समिति की ओर से चंदन लगाने वालों के लिए भी धनराशि का इंतजाम कर दिया है।