सीवर की गंदगी में बह गए चालीस लाख
सीवर लाइन डालने में 60 लाख खर्च हो गए लेकिन दिक्कत वहीं की वहीं रही।
बदायूं : शहर के विजय नगर से सिरसा गांव तक जलभराव की वजह से लोग दलदल से निकलने को मजबूर थे। पढ़ने लिखने वाले बच्चों को भी थोड़ी दूरी काफी फेर से तय करनी होती थी। सिरसा गांव के लोगों ने इसकी मांग सदर विधायक से की तो उन्होंने अपनी निधि से सीवर लाइन की तर्ज पर नाला निर्माण को मंजूरी दिला दी। कार्यदायी संस्था जल निगम को बजट भी जारी कर दिया गया। बजट जारी होने के बाद काम शुरू हुआ तो 90 दिन के अंदर नाला निर्माण कराने का भरोसा दिया गया। काम शुरू हुआ तो गुणवत्ता सही न होने की वजह से पूरा निर्माण कार्य सवालों के घेरे में पहुंच गया। अब कार्य तो पूरा हो गया, लेकिन नाले में डाले गए हल्के पाइप पानी की सप्लाई दूसरे नालों तक नहीं पहुंचा पा रहे हैं। इससे वहां पर दलदल बना हुआ है।
लंबे अर्से से सिरसा गांव को जाने वाले मुख्य रास्ते का पानी नालों तक न पहुंच पाने की वजह से जलभराव की समस्या बनी हुई है। जलभराव की वजह से वहां आसपास के लोग भी काफी परेशान हैं। तमाम लोगों के घरों तक में पानी घुसने से वह मकान धराशायी हो चुके हैं। शहर और देहात के बीच महज पांच सौ मीटर की दूरी एक लंबा सफर बन चुका है। समस्या को देखते हुए सिरसा गांव के लोगों ने सदर विधायक महेश चंद्र गुप्ता से समस्या का समाधान कराने की मांग की तो विधायक ने प्रस्ताव पास कराते हुए वहां नाला निर्माण को मंजूरी दी। सीवर लाइन की तर्ज पर बनने वाले नाले के लिए चालीस लाख रुपये का बजट मंजूर हुआ तो कार्यदायी संस्था ने काम भी शुरू कर दिया। लेकिन गुणवत्ता पूर्वक काम न होने से लोगों की समस्या दूर नहीं हुई। नाला निर्माण में नौ इंच के पानी पाइप की जगह महज चार फिट तक के ही पाइप डालकर उनको मिट्टी से दबा दिया। काम शुरू हुआ तो इलाकाई लोगों ने विरोध किया लेकिन उनकी सुनवाई कहीं भी नहीं हो सकी। इस वजह से यह समस्या अब और बढ़ चुकी है।
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