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उत्पीड़न से खफा वन दारोगा ने पत्नी संग दी खुदकशी की धमकी

वन विभाग के अफसरों की कारगुजारी से परेशान और उत्पीड़न से वन दारोगा व उसकी पत्‍‌नी खफा हो गए।

By JagranEdited By: Published: Mon, 17 Dec 2018 12:00 AM (IST)Updated: Mon, 17 Dec 2018 12:00 AM (IST)
उत्पीड़न से खफा वन दारोगा ने पत्नी संग दी खुदकशी की धमकी
उत्पीड़न से खफा वन दारोगा ने पत्नी संग दी खुदकशी की धमकी

बदायूं : वन विभाग के अफसरों की कारगुजारी से परेशान और उत्पीड़न होने से खफा वन दारोगा ने पत्नी संग खुदकशी करने की धमकी दी तो कई विभागों के अफसर हिल गया। मुख्यमंत्री जन शिकायत पोर्टल पर शिकायत करने के बाद शासनस्तर से इसमें ठोस कार्रवाई के निर्देश हुए तो पुलिस दौड़ पड़ी। किसी प्रकार की अनहोनी न हो, इसलिए पुलिस ने वन दारोगा और उनकी पत्‍‌नी को थाने में बुला लिया। पुलिस ने शांतिभंग में चालान कर मुचलका पाबंद कर दिया। डीएफओ ईशा तिवारी भी थाने पहुंची। इस घटनाक्रम को लेकर वन महकमे में तरह-तरह की चर्चाएं हो रही हैं।

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बिसौली रेंज के इस्लामनगर में तैनात वनदारोगा अंकेश की पत्नी श्वेता ने पिछले दिनों जनसुनवाई पोर्टल पर यह शिकायत दर्ज कराई थी कि विभागीय स्तर पर उनके पति का उत्पीड़न हो रहा है। ऐसे में दोनों आत्महत्या कर लेंगे। शासनस्तर स्तर से मामले में डीएफओ से जहां आख्या तलब की गई। वहीं पुलिस को भी निर्देशित किया गया कि ऐसी घटना को रोका जाए। रविवार को पुलिस ने दंपती को थाने बुलवा लिया और मामला समझा। वन दारोगा का कहना

- वन दारोगा का कहना था कि वह बिसौली के इस्लामनगर में तैनात है। इस क्षेत्र में 40 से 50 आरामशीनें हैं। सभी का दिसंबर में रिन्युवल किया जाना है। उसका आरोप था कि अधिकारी हर मशीन संचालक से रकम लाने का दबाव डाल रहे हैं। वह ऐसा करने से इंकार कर रहा है तो उसे तबादले की धमकी दी जा रही है। जबकि इस्लामनगर में किराए का घर लेकर वह रह रहा है। उस घर का किराया भी एडवांस दे चुका है। ऐसे में तबादला होने पर उसे नुकसान होगा।

वन रेंजर ने यह कहा

- इधर, वन रेंजर का कहना है कि रिन्युवल हर साल कराए जाते हैं। यह सरकारी प्रक्रिया है। वनदारोगा पर किसी तरह का कोई दबाव नहीं बनाया गया है। दारोगा ने पत्नी के नाम से झूठी शिकायत की है। बाकी पूरा मामला अधिकारियों के स्तर से सुलझाया जा रहा है। वर्जन

वन दारोगा को पत्नी समेत मुचलका पाबंद कर दिया है। उनके जमानती भी दाखिल हुए हैं। ताकि वो आत्महत्या जैसी घटना को अंजाम न दे सकें। बाकी पूरा मामला वन विभाग के स्तर का है। पुलिस का उसमें कोई हस्तक्षेप नहीं है।

अनिल सिरोही, एसएचओ सिविल लाइंस


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